हेलो डॉक्टर : यात्रा के बाद बुखार व सांस फूलना की समस्‍या, हो सकता है कोरोना का अलार्म

लोहिया संस्थान (फीमेल हॉस्पिटल ब्लॉक) की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सरिता सक्सेना ने कोरोना वायरस से बचाव के बारे में बताया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 08 May 2020 03:25 PM (IST) Updated:Sat, 09 May 2020 07:47 AM (IST)
हेलो डॉक्टर : यात्रा के बाद बुखार व सांस फूलना की समस्‍या, हो सकता है कोरोना का अलार्म
हेलो डॉक्टर : यात्रा के बाद बुखार व सांस फूलना की समस्‍या, हो सकता है कोरोना का अलार्म

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के कहर से हर कोई घबराया हुआ है और आशंकित भी है। दूसरे राज्यों व जनपदों से लोग अपने गृहनगर पहुंच रहे हैं। यात्रा के दौरान उनमें संक्रमण की आशंका का खतरा भी बना है। जो मरीज घर में हैं और फल, सब्जी, दूध लाने के लिए बाहर निकलते हैं, उन्हें भी संक्रमण का भय सता रहा है। ऐसे वक्त में क्या करें, कोई लक्षण दिखे तो कैसे समझें कोरोना है या कुछ और आदि सवालों का जवाब शुक्रवार को दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम के तहत लोहिया संस्थान में फीमेल हॉस्पिटल ब्लॉक की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सरिता सक्सेना ने दिया।

उन्होंने बताया कि हर खांसी, जुकाम व बुखार कोरोना नहीं है। मगर हां, अगर किसी ने यात्रा की है और उसके 28 दिनों के अंदर बुखार या सांस फूलने जैसी कोई भी दिक्कत आ रही है तो यह कोरोना का अलार्म हो सकता है। इसकी तत्काल सरकारी अस्पताल में जाकर जांच करानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि बाहर से आने वाले लोग होमक्वारंटाइन का पूरा पालन करें। कम से कम 21 दिनों तक वह घर में भी शारीरिक दूरी का पालन करें व मास्क लगाएं।

सवाल-मेरी मां सुगर की मरीज हैं। किडनी में इंफेक्शन भी है। उन्हें कोरोना का कितना खतरा है? बबलू, बहराइच

जवाब-इस तरह की बीमारियों के लोगों में इम्युनिटी कम होने की वजह से संक्रमण का खतरा अधिक होता है। अगर किसी संक्रमित के संपर्क में नहीं आए। घर से बाहर दुकान व भीड़-भाड़ वाली जगह नहीं जाएं व दवाइयां नियमित लेती रहें तो दिक्कत नहीं है। घर में भी मास्क लगाकर रखें। जो सदस्य घर से बाहर आ जा रहा है, वह उनके करीब न जाए।

सवाल-मुझे 46 दिन से बुखार है। पांच मई को भोपाल से आकर होम क्वारंटाइन हूं। अब बुखार के साथ सांस भी फूल रही है। नौसाद, सीतापुर

जवाब-46 दिनों से बुखार है तो कोरोना की संभावना कम है, लेकिन हाल ही में आपने यात्रा की है। इस दौरान संक्रमित होने का खतरा है। आपको लक्षण भी आ रहे हैं। इसलिए तत्काल अपनी जांच कराएं। खुद को घर के सदस्यों से बिल्कुल अलग रखें।

सवाल-इन दिनों गर्भवतियों में कोरोना संक्रमण के मामले ज्यादा आ रहा हैं। ऐसे क्यों? किरन, लखनऊ

जवाब-गर्भवतियों को अगर इमरजेंसी नहीं है तो उन्हें घर से बिल्कुल बाहर नहीं निकलने की गाइडलाइन है,क्योंकि सामान्य लोगों की तुलना में उनकी इम्युनिटी कम होती है। रूटीन चेकअप के लिए भी ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। संबंधित अस्पतालों में गर्भवतियों के लिए हेल्पलाइन नंबर दिए गए हैं। कोई दिक्कत हो तो उसपर बात कर लें। अगर डॉक्टर बुलाए या इमरजेंसी हो तभी अस्पताल जाएं। जो गर्भवती हॉटस्पॉट एरिया में हैं या जिन्होंने हाल ही में यात्रा की है, उन्हें संक्रमण का ज्यादा खतरा है।

सवाल-मुझे सीने में दर्द व खांसने पर बलगम आ रहा है। पूरी शरीर बहुत गर्म लग रही है। कोरोना तो नहीं? जयदूत कुमार, लखनऊ

जवाब-बुखार व सीने में दर्द कोरोना हो यह जरूरी नहीं। संक्रमित के संपर्क में आए हों तो संभावित हो सकते हैं। जांच के बाद पता चलेगा। अगर समस्या बढ़ती है तो सरकारी अस्पताल की फीवर क्लीनिक में दिखाएं।

सवाल-मुझे हमेशा डर लगा रहता है। पेट में दर्द भी उठता है। कोरोना तो नहीं? बृजेश कुमार, लखनऊ

जवाब-इस समय सावधानी बरतने की जरूरत है, डरने की नहीं। हाईजीन का ध्यान रखें। शारीरिक दूरी व लॉकडाउन का पालन करें। पेटदर्द खान-पान में गड़बड़ी से हो सकता है। दही, मट्टा का सेवन करें। पानी भरपूर मात्रा में पीएं।

सवाल-क्या कोरोना मरीज को दिन भर बुखार रहता है? प्रियंका भारती, रायबरेली

जवाब-कोरोना मरीज को संक्रमित होने के बाद 28 दिन में कभी भी लक्षण आ सकता है। अगर बुखार होगा तो जब दवा खाएंगे तभी उतरेगा, अन्यथा बना रहेगा। इसलिए ऐसी दिक्कत हो और आपको पता हो कि कहीं यात्रा की है या दुकान, मंडी में गए हैं तो अविलंब फीवर क्लीनिक में दिखाएं।

सवाल-कोरोना की वजह से घबराहट व बेचैनी महसूस हो रही है। इससे कैसे बचें? रवि प्रकाश, लखनऊ जवाब-कोरोना से घबराएं नहीं सावधान रहें। शारीरिक दूरी का पालन करें। खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त रखें। नकारात्मक नहीं सोचें। अपने रुचि के काम में मन लगाएं।

सवाल-मुझे दो दिन से बुखार व खांसी है। कोरोना का लक्षण तो नहीं? जितेंद्र मिश्र, बाराबंकी

जवाब-खांसी, बुखार का होना जरूरी नहीं कि यह हमेशा कोरोना हो। अगर आप संक्रमित के संपर्क में आए हैं तभी इसकी संभावना है। आप आरोग्यसेतु एप डाउनलोड करें। इसमें कोरोना से जुड़ी तमाम जानकारियां मिलेंगी। यह आपको सतर्क भी रखेगा।

सवाल-लॉकडाउन में बहुत से बच्चे व गर्भवती महिलाओं का टीका नहीं लग पा रहा है। क्या करें। श्वेता तिवारी, रायबरेली

जवाब-वायरस पैंडमिक में टीका लगने में महीने-दो महीने की देरी से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। यह बात में भी लग जाएगा। जन्म के समय बच्चों को टीका लग रहा है। सिर्फ रूटीन वाला रोका गया है। लॉकडाउन के बाद इसे लगवा सकते हैं। परेशान होने की जरूरत नहीं है।

सवाल-क्या किसी को कोरोना हो गया है तो उसको बुखार आना जरूरी है? अगर हां तो कितने दिनों में ? विदुर गुप्ता, अयोध्या

जवाब-कई मरीजों में कोई लक्षण नहीं आ रहे हैं। इस नई बीमारी पर ज्यादा रिसर्च अभी नहीं है। सिर्फ ध्यान यह रखना है कि अगर आप कहीं सब्जी, किराना, मेडिकल स्टोर आदि पर नहीं गए और यात्रा नहीं कि तो बुखार, खांसी, जुकाम आदि सामान्य फ्लू है।

सवाल-मेरी जीभ के ऑपरेशन की डेट लोहिया संस्थान में मिली है। क्या इस दौरान वहां जाने से कोरोना हो सकता है? सत्राजीत पांडेय, लखनऊ

जवाब-ऐसा नहीं है। जनरल इमरजेंसी चल रही है। जहां कोरोना के मरीज नहीं है। जिन मरीजों को बुलाया जा रहा है, उनका बहुत सावधानी से इलाज किया जा रहा है। हेल्पलाइन नंबर पर बात करके तभी जाएं। बहुत जरूरी न हो तो कहीं भी आना-जाना बंद रखें।

सवाल-मैं एक्सरे करता हूं। कोरोना होने के डर से मानसिक भ्रम के साथ घबराहट व सीने में दर्द है। क्रोनिक ब्रांकाइटिस पहले से है। रविशंकर पांडेय, गोंडा

जवाब-आपके अस्पताल में ही जो चेस्ट फीजीशियन हों उनसे परामर्श करें। आपको प्रिकॉशन ज्यादा लेने की जरूरत है। अगर आपको तबीयत ठीक नहीं महसूस हो रही तो अपने सक्षम अधिकारी को अवगत कराएं। घबराने की जरूरत नहीं है। एक्सरे करते समय मरीज से पर्याप्त दूरी रखें। मास्क व ग्लब्स जरूर लगाएं।

सवाल-प्रसव होने के एक दो दिन पहले यदि महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है तो क्या बच्चे को भी कोरोना हो जाएगा? रेनू तिवारी, अमेठी

जवाब-कोरोना पॉजिटिव महिलाओं का अलग अॉपरेशन थिएटर में प्रसव कराने की व्यवस्था है। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को बेहद सतर्कता के साथ महिला की रिपोर्ट नेगेटिव नहीं आने तक आइसोलेट कर दिया जाता है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।

बरतें ये सावधानियां

शारीरिक दूरी का पालन करें बाहर से आने पर नहाने व कपड़े धुलने के बाद ही घर में प्रवेश करें गर्भवती महिलाएं व 10 साल से कम उम्र के बच्चों को बाहर न जाने दें। गर्भवतियों का इस दौरान हर माह चेकअप जरूरी नहीं। अगर डॉक्टर को दिखाना जरूरी हो तो फोन पर बात करके तभी आएं भीड़-भाड़ से बचें खान-पान का ज्यादा ध्यान दें मौसमी फल, प्रोटीन, हल्दी वाला दूध पीएं। सब्जी, फल इत्यादि लाने पर गर्मपानी में नमक डालकर धुल लें। जिस सामान को धुल नहीं सकते उसे धूप में कुछ घंटे रखें । 

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