UP में गन्ना पेराई सत्र 2021-22 के लिए सट्टा व आपूर्ति नीति जारी, जानें- सरकार ने क्या किए अहम बदलाव

यूपी में गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति में प्रति किसान गन्ना सट्टे की सीमा सीमांत किसान को एक हेक्टेयर तक के लिए अधिकतम 850 क्विंटल लघु किसान को दो हेक्टेयर तक के लिए 1700 क्विंटल व सामान्य किसान पांच हेक्टेयर तक के लिए 4250 क्विंटल तय की गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 03:40 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 03:41 PM (IST)
UP में गन्ना पेराई सत्र 2021-22 के लिए सट्टा व आपूर्ति नीति जारी, जानें- सरकार ने क्या किए अहम बदलाव
उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2021-22 के लिए सट्टा और आपूर्ति नीति जारी।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में गन्ना पेराई सत्र 2021-22 के लिए सट्टा और आपूर्ति नीति जारी कर दी गई है। गन्ना विकास विभाग ने नीति में किसानों के हित में अहम बदलाव किए हैं। अब किसान यदि जमीन का क्रय-विक्रय करता है तो उसका बेसिक कोटा हस्तांतरित होगा। उत्तम गन्ना किसानों को उपज में बढ़ोतरी के लिए प्रार्थनापत्र देने पर शुल्क नहीं देना होगा। सट्टाधारक सदस्य किसान की मृत्यु पेराई सत्र के दौरान होने पर सट्टा चालू रखा जाएगा। यह सुविधा केवल वर्तमान पेराई सत्र में ही मान्य होगी। सैनिकों, अर्द्धसैनिक बलों, भूतपूर्व सैनिकों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके विधिक उत्तराधिकारियों को सक्षम अधिकारियों की ओर से जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने पर गन्ना आपूर्ति में प्राथमिकता मिलेगी।

गन्ना व चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति में प्रति किसान गन्ना सट्टे की सीमा सीमांत किसान को एक हेक्टेयर तक के लिए अधिकतम 850 क्विंटल, लघु किसान को दो हेक्टेयर तक के लिए 1,700 क्विंटल व सामान्य किसान पांच हेक्टेयर तक के लिए 4,250 क्विंटल तय की गई है। उपज बढ़ोतरी की दशा में सट्टे की अधिकतम सीमा सीमान्त, लघु और सामान्य किसान के लिए क्रमश: 1350, 2,700 व 6,750 क्विंटल तय की गयी है।

विभाग ने आपूर्तिकर्ता किसानों की अधिकतम गन्ना आपूर्ति कराने के लिए पिछले दो, तीन व पांच वर्ष की औसत गन्ना आपूर्ति में से अधिकतम औसत गन्ना आपूर्ति को पेराई सत्र 2021-22 के लिए बेसिक कोटा माने जाने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही जो नये सदस्य बने हैं व एक वर्ष ही गन्ने की आपूर्ति किया है उनके एक वर्ष की गन्ना आपूर्ति को बेसिक कोटा माना जाएगा।

गन्ना व चीनी आयुक्त संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि जिन किसानों के पास गन्ने की उपज क्राप कटिंग प्रयोगों की औसत उपज से अधिक है वे जरूरत के अनुसार उपज बढ़ोतरी के लिए अपना आवेदनपत्र निर्धारित शुल्क के साथ 30 सितंबर तक दे सकते हैं। जो किसान ड्रिप इरीगेशन पद्धति से सिंचाई करते हैं उनको अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता मिलेगी, इसमें अस्वीकृत गन्ना प्रजातियों को शामिल नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि किसान से प्रशासनिक शुल्क के रूप में धनराशि की कटौती नहीं होगी। इस वर्ष समिति स्तरीय सट्टा प्रदर्शन के दौरान प्राप्त आपत्तियों के निस्तारण के बाद अंतिम कैलेंडर वेबसाइट व मोबाइल ऐप पर आनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। आपूर्ति के संबंध में कोई विशेष तात्कालिक समस्या उत्पन्न होने की स्थिति में जिला गन्ना अधिकारी व क्षेत्रीय उप गन्ना की ओर से नियमानुसार समस्या का त्वरित निराकरण कराया जाएगा। शिकायत निवारण के लिए मुख्यालय स्तर पर एक कंट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है, टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 पर कृषक सीधे अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

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