लाकडाउन ने बढ़ा दिया शुगर और वजन, एसजीपीजीआइ में हुआ शोध; जान‍िए क्‍या कहते है व‍िशेषज्ञ

डायबिटीज के 313 मरीजों पर यह शोध किया गया जिनमें 171 महिलाएं और 142 पुरुष थे। लाकडाउन के बाद फिर से एचबीए 1सी परीक्षण किया गया। इसके साथ ही लाकडाउन के पहले और बाद के वजन का अध्ययन किया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 06:05 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 07:18 AM (IST)
लाकडाउन ने बढ़ा दिया शुगर और वजन, एसजीपीजीआइ में हुआ शोध; जान‍िए क्‍या कहते है व‍िशेषज्ञ
न करें जरा सी भी लापरवाही शुगर और वजन पर नियंत्रण जरूरी।

लखनऊ, [कुमार संजय]। लाकडाउन के कारण डायबिटीज के मरीजों में शुगर अनियंत्रित हो गया इसके साथ ही वजन बढ़ गया। वजन और शुगर का सीधा संबंध है। डायबिटीज के 313 मरीजों पर यह शोध किया गया, जिनमें 171 महिलाएं और 142 पुरुष थे। लाकडाउन के बाद फिर से एचबीए 1सी परीक्षण किया गया। इसके साथ ही लाकडाउन के पहले और बाद के वजन का अध्ययन किया गया तो देखा गया कि 195 रोगियों में एचबीए 1सी बढ़ा मिला। 151 का वजन में उनके प्री लाकडाउन वजन की तुलना में वृद्धि हुई। एक किलो शरीर का भार कम होने पर तीन महीने शुगर की स्थिति बताने वाले मार्कर में 0.1 फीसद एचबीए 1सी की कमी होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार शुगर अनियंत्रित रहने पर किडनी, तंत्रिका तंत्र, आंख, दिल सहित अंगों को प्रभावित कर सकता है।

लाकडाउन के दौरान नहीं हो सकी शुगर की निगरानी : रक्त शर्करा की निगरानी मधुमेह देखभाल का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इसके अलावा दूसरे रोग, दवाओं का सही पालन न करना और महामारी से जुड़े भय ने संभवत: इसको प्रभावित किया है।

इन्होंने किया शोध : टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में ग्लाइसेमिक मापदंडों पर कोविड -19 लाकडाउन का प्रभाव विषय पर शोध किया गया, जिसमें डा. अजय तिवारी, एरा मेडिकल कालेज के एनाटमी विभाग की डा. विनीता तिवारी और क‍िंग जार्ज मेडिकल विवि के डा. जय तिवारी के शोध को जर्नल आफ फेमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर ने स्वीकार किया है।

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