लखनऊ के कैंसर संस्थान में OPD शुरू, सात मरीजों का सफल ऑपरेशन

रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री जल्द करेंगे चक गंजरिया कैंसर संस्थान का लोकार्पण। संस्थान में ओपीडी के लिए सोमवार से शुक्रवार तक चल रहा है रजिस्ट्रेशन। सुबह 8 बजे से दोपहर 1230 बजे तक संस्थान में ओपीडी के लिए हो रहा पंजीकरण छह माह के लिए मान्य। पीजीआइ की दर पर इलाज।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:35 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 10:35 AM (IST)
लखनऊ के कैंसर संस्थान में OPD शुरू, सात मरीजों का सफल ऑपरेशन
कैंसर संस्थान में ओपीडी के लिए सोमवार से शुक्रवार तक चल रहा है रजिस्ट्रेशन।

लखनऊ [संदीप पांडेय]। राज्य के कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी। वह अब सुपर स्पेशिय लिटी इंस्टीट्यूट में इलाज करा सकेंगे। चक गंजरिया स्थित संस्थान में ओपीडी-इंडोर सेवा रन करने लगी है। साथ ही मरीजों के ऑपरेशन भी होने लगे हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री-रक्षामंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।

चक गंजरिया स्थित कैंसर संस्थान का कैंपस 101 एकड़ में है। एक हजार करोड़ की लागत से बन रहे संस्थान में ऑर्गन बेस्ड कैंसर का इलाज होगा। इसे चरणवार रन किया जाएगा। पहले ओपीडी, डे केयर सर्विस के साथ-साथ सीमित बेडों पर इंडोर सुविधा शुरू कर दी गई है। संस्थान के निदेशक डॉ. शालीन कुमार ने दैनिक जागरण से मरीजों का इलाज शुरू करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि अब तैयारी कर ली गई हैं। कैंसर रोगी ओपीडी में पंजीकरण कराकर इलाज करा सकते हैं। वहीं लोकार्पण की तिथि शासन द्वारा तय की जाएगी।

कैंसर का तीनों तरह से इलाज

डॉ. शालीन कुमार के मुताबिक, संस्थान में ओपीडी सोमवार से शुक्रवार सुबह आठ से दो बजे तक तय की गई है। इसमें आठ से 12:30 बजे तक पंजीकरण होगा। वहीं कैंसर मरीजों का इलाज सर्जरी, रेडियो थेरेपी व कीमोथेरेपी तीनों विधियों से मुमकिन हो गया है। इसके लिए सर्जिकल आंकोलॉजी, रेडिएशन आंकोलॉजी व मेडिकल आंकोलॉजी विभाग की ओपीडी रन कर दी गई है।

पीजीआइ की दर पर इलाज

कैंसर संस्थान में पीजीआइ की दर पर इलाज होगा। यहां सभी जांचें व सर्जरी का शुल्क पीजीआइ के समान पड़ेगा। वहीं पंजीकरण शुल्क भी 250 रुपये तय किया गया है। यह मरीजों के लिए सालभर वैध होगा। वहीं, सपा सरकार में एक दिसंबर 2016 को केजीएमयू द्वारा संस्थान की ओपीडी शुरू की गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उद्घाटन किया था। इस दौरान 250 रुपये का पंजीकरण शुल्क रखा गया, यह छह माह के लिए मान्य था। मगर, केजीएमयू में प्रशासनिक फेरबदल होने पर कैंसर संस्थान के संचालन से हाथ खड़े कर दिए गए। इसके बाद सेवाएं ठप हो गईं। अब सरकार संस्थान को खुद का स्टाफ-ससांधान देकर उसे शुरू कर रही है।

30 मरीजों की रेडियोथेरेपी

कैंसर संस्थान में लीनियर एक्सीलरेटर मशीन अप्रैल में ड्राई रन की गई। इसका ट्रायल पूरा हो गया। यहां 30 मरीजों को मशीन से रेडियोथेरेपी दी गई। वहीं, 31 अगस्त एक ओटी शुरू की गई। डॉ. शीलन कुमार के मुताबिक, सितंबर में कुल सात कैंसर रोगियों के ऑपरेशन किए गए। इसमें पेट के कैंसर, न्यूरो के कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गाइनी कैंसर के मरीज रहे।

अभी 24 बेड पर भर्ती की सुविधा

कैंसर संस्थान में 24 ऑपरेशन थियेटर हैं। अभी एक ओटी शुरू हुई है। वहीं पैथोलॉजी में अभी खून की जांच हो रही हैं। शेष जांचें शुरू करने की तैयारी चल रही है। सीटी स्कैन मशीन लग गई है। अल्ट्रासाउंड-एक्स-रे मशीनें रेडियोलॉ जिस्ट की तैनाती होते ही शुरू की जाएंगी। वहीं, एक हजार बेड वाले संस्थान में प्रथम चरण में 500 बेड होंगे। अभी इंडोर व डे केयर वार्ड में 24 बेडों पर मरीज को भर्ती किया जाएगा।

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