आइटीआइ में प्रमोट नहीं होंगे विद्यार्थी, जुलाई में होगी परीक्षा; नए प्रवेश प्रक्रिया में भी हो सकता है बदलाव
प्रावधिक शिक्षा परिषद की ओर से पॉलीटेक्निक के दो लाख विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर मंथन जरूर हो रहा है लेकिन प्रथम व द्वितीय वर्ष की हो चुकी सेमेस्टर परीक्षाओं की काॅपियों के मूल्यांकन के बाद इस पर फैसला हो सकता है।
लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। यूपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर प्रमोट होने का सपना देख रहे आइटीआइ के करीब पांच लाख विद्यार्थियों का सपना टूट गया है। महानिदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन ने निजी आइटीआइ की मांग को ठुकराते हुए परीक्षा कराने की बात कही है। कोरोना संक्रमण का कहर कम होगा तो परीक्षाएं जुलाई में प्रस्तावित हैं। हालांकि निजी संस्थानों के अनुरोध पर व्यावसायिक शिक्षा राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने प्रमोट के लिए शासन में विचार करने का आश्वासन दिया है। वहीं हाईस्कूल की मेरिट के आधार पर होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में भी बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। प्रमोट के बाद मिलने वाले अंकपत्र को देखकर बदलाव होंगे। जुलाई से शुरू हो सकती है प्रवेश प्रक्रिया।
अप्रैल भेजा गया था प्रमोट करने का प्रस्ताव
लखनऊ मंडल के अध्यक्ष और रायबरेली रोड के मिशन प्राइवेट आइटीआइ के प्रबंधक राजेंद्र द्विवेदी ने बताया कि कंफीडरेशन ऑफ प्राइवेट आइटीआइ एसोसिएशंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष उमेश मिश्रा की ओर 24 अप्रैल को महानिदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन भारत सरकार को भेजे प्रस्ताव में यूपी बोर्ड और सीबीएसई की तर्ज पर आइटीआइ विद्यार्थियों को प्रमोट करने की मांग की गई थी। वहीं प्रशिक्षण एवं सेवायोजन कुणाल सिल्कू ने आनलाइन कोर्स पूरा कराने और विद्यार्थियों की शंकाओं का समाधान करने का निर्देश दिया है।
पॉलीटेक्निक की काॅपियों के मूल्यांकन के बाद होगी प्रमोट पर चर्चा : प्रावधिक शिक्षा परिषद की ओर से पॉलीटेक्निक के दो लाख विद्यार्थियों को प्रमोट करने पर मंथन जरूर हो रहा है, लेकिन प्रथम व द्वितीय वर्ष की हो चुकी सेमेस्टर परीक्षाओं की काॅपियों के मूल्यांकन के बाद इस पर फैसला हो सकता है। विभागीय अधिकारी के मुताबिक शासन स्तर प्रमोट करने को लेकर अभी बैठक प्रस्तावित है। अगले सप्ताह बैठक हो सकती है।