गन्ने के वेस्ट से चार्ज होगा मोबाइल, लखनऊ में आंबेडकर विश्वविद्यालय के शोधार्थी ने बनाया नैनो जनरेटर

शोधार्थी शक्ति सिंह ने बताया कि गन्ने की पेराई के बाद निकले वेस्ट मैटेरियल (खोई ) को पानी में उबाला गया। इसके बाद उसे सुखाकर कुटाई की गई। इससे बने पाउडर में ऊर्जा बनाने वाले नैनो मटेरियल ( एक बाल का एक लाखवां हिस्सा ) मिलाया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 07:30 AM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 04:14 PM (IST)
गन्ने के वेस्ट से चार्ज होगा मोबाइल, लखनऊ में आंबेडकर विश्वविद्यालय के शोधार्थी ने बनाया नैनो जनरेटर
आंबेडकर विश्वविद्यालय शोध को बढ़ावा देने के लिए हर कदम उठा रहा है।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। गन्ने के वेस्ट से बने नैनो जनरेटर से आप अपने मोबाइल फोन को चलते हुए चार्ज कर सकते हैं। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.बीसी यादव के निर्देशन में शोधार्थी शक्ति सिंह ने इसका माडल तैयार किया है। पर्यावरण अनुकूल इस माडल का बीते महीने विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रपति राम नाथ काेविन्द, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माडल की सराहना की थी।

ऐसे बना नैनो जनरेटर : शोधार्थी शक्ति सिंह ने बताया कि गन्ने की पेराई के बाद निकले वेस्ट मैटेरियल (खोई ) को पानी में उबाला गया। इसके बाद उसे सुखाकर कुटाई की गई। इससे बने पाउडर में ऊर्जा बनाने वाले नैनो मटेरियल ( एक बाल का एक लाखवां हिस्सा ) मिलाया गया। सीएसआईआर-एम्प्री (भोपाल) के वैज्ञानिक डा. मनोज कुमार गुप्ता के सहयोग से इसका माडल तैयार किया गया है। हाथ या पैर के बीच इसे रखकर दबाव बनाने से बिजली बनेगी।

बिना बैटरी के चलेंगे सेंसर और इलेक्ट्रानिक उपकरण : आंबेडकर विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग के प्रोफेसर बीएस यादव ने बताया कि 120 वोल्ट तक क पावर से चलने वाले मोबाइल फोन, सेंटर व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण इससे चार्ज होंगे। ग्लोबल वार्मिंग को देखते हुए क्लीन और ग्रीन एनर्जी उत्पादन की दिशा में यह एक नया प्रयोग है। यह नैनो जनरेटर जो हाथों और पैरो के कंपन से बिजली उत्पन्न करते हैं। बायो वेस्ट पदार्थो से बनाए जाने से इसका पर्यावरण पर कोई प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। इस नैनो जनरेटर को सेल्फ हीलिंग पदार्थो की मदद से बनाया गया है जो क्षति होने पर खुद से अपनी संरचना को ठीक कर लेते हैं। इन्ही नैनो जनरेटर की मदद से ऐसे गैस और फोटो सेंसर विकसित किए गए हैं जो बिना किसी बैटरी से काम करते हैं।

आंबेडकर विश्वविद्यालय शोध को बढ़ावा देने के लिए हर कदम उठा रहा है। शोधार्थियों को ऐसा माहौल दिया जाता है जिससे वे कुछ नया कर सकें। भौतिक विज्ञान विभाग का यह प्रयास सराहनीय है। आशा है कि इनसे प्रेरणा लेकर अन्य शोधार्थी भी ऐसे शोध करके विश्वविद्यालय को विश्व स्तर पर पहचान दिलाएंगे। शोधार्थी और पूरी टीम को बधाई।    -प्रो.संजय सिंह, कुलपति, आंबेडकर विश्वविद्यालय

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