बच्चों को कोरोना से बचाने के लिए यूपी में तैयार हो रहा मजबूत सुरक्षा घेरा, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर जोर
बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में मजबूत सुरक्षा घेरा तैयार किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार का जोर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर है। इसके लिए कई योजनाएं चल रही हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बच्चों को कोरोना वायरस संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश में मजबूत सुरक्षा घेरा तैयार किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार का जोर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर है। इसके लिए कई योजनाएं चल रही हैं जो कोरोना संक्रमण से मुकाबले में प्रभावी साबित होंगी।
यूपी में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा सोमवार से शुरू किया गया। विटामिन ए संपूरण अभियान, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान और विश्व स्तनपान सप्ताह चल रहा है। इन अभियान के तहत बच्चों को विटामिन ए, जिंक और इसके साथ-साथ एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जा रही है। यह दवाएं बीमारियों से बचाव व प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
सोमवार से शुरू किए गए सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के तहत ओआरएस घोल व जिंक की टेबलेट दो महीने से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों की दी जा रही है। इससे दस्त से बचाव के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ेगी। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय सिंह कहते हैं कि जिंक की गोली न सिर्फ दस्त की अवधि व तीव्रता को कम करती है बल्कि तीन महीने तक दस्त से बच्चे को सुरक्षित भी रखती है। 14 दिन तक इसकी टेबलेट खिलाई जाती है और यह लंबे समय तक रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाने में मदद करती है।
विटामिन ए संपूरण अभियान भी चलाया जा रहा है। इसके तहत नौ माह से लेकर पांच वर्ष तक के बच्चों को नौ खुराक अलग-अलग समय पर दी जाती हैं। नौ से 12 महीने के बच्चे को मीजल्स-रूबेला (एमआर) के पहले टीके के साथ आधा चम्मच, 16 से 24 महीने में एमआर के दूसरे टीके के साथ पूरा चम्मच और दो वर्ष से पांच वर्ष तक बच्चों को छह-छह महीने पर पूरा चम्मच विटामिन ए की सीरप पिलाई जाती है। यह भी बच्चों में इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती है।
उधर 63 जिलों में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत दो वर्ष के बच्चों से लेकर 19 साल की उम्र तक के लोगों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जा रही है। यह गोली पेट के कीड़े मारने के साथ-साथ इम्युनिटी बूस्टर का काम करती है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को काफी बढ़ा देती है। कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए जुलाई में ही 52 लाख दवा की किट बांटी जा चुकी हैं। अब तक मेडिकल कालेजों व अस्पतालों में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) व आक्सीजन की सुविधा युक्त नौ हजार बेड तैयार किए जा चुके हैं।