Ambulance Strike: UP में हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर कसा और शिकंजा, 59 जिलों में शुरू हुई नई भर्तियां
यूपी में हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। सरकार की सख्ती के बाद हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर न सिर्फ कार्रवाई की जा रही है बल्कि उनकी जगह नए कर्मियों को भर्ती करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। 59 जिलों में भर्ती शुरू की गई है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। यूपी में हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। सरकार की सख्ती के बाद हड़ताली एंबुलेंस कर्मियों पर न सिर्फ कार्रवाई की जा रही है, बल्कि उनकी जगह नए कर्मियों को भर्ती करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। कुल 75 जिलों में से 59 जिलों में भर्ती शुरू की गई है। बाकी 16 जिलों में सभी एंबुलेंस कर्मी काम पर वापस आ गए हैं। एंबुलेंस का संचालन कर रही सेवा प्रदाता कंपनी जीवीकेईएमआरआइ ने एंबुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी) की भर्ती शुरू कर दी है। दो अगस्त तक भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अब तक 85 प्रतिशत एंबुलेंस दौड़ाने का दावा किया जा रहा है।
जीवीकेईएमआरआइ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि शनिवार की रात 12 बजे तक कर्मियों को वापस काम पर लौटने की आखिरी मोहलत दी गई थी। करीब 14 हजार कर्मचारी वापस काम पर लौट आए हैं। देर रात तक काम पर वापस लौटने का सिलसिला जारी रहा। भर्ती प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है। पहले ही दिन करीब दो हजार कर्मचारियों की भर्ती हुई। प्रदेश में 102 सेवा की 2270, 108 सेवा की 2200 और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) की 250 एंबुलेंस हैं। इन सभी में लगभग 23 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। उधर फिर सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों को चेतावनी है कि अगर एंबुलेंस न मिलने के कारण किसी मरीज की मौत हुई तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मालूम हो कि एएलएस एंबुलेंस सेवा को नई कंपनी जिगित्सा हेल्थ केयर को सौंपा गया है। कंपनी ने जीवीकेईएमआरआइ के माध्यम से इन एंबुलेंस में कार्यरत कर्मचारियों से प्रशिक्षण के लिए 20 हजार रुपये देने और मानदेय 13,500 रुपये की बजाए 10 हजार देने पर रजामंदी जताई थी। इसे लेकर बीते रविवार को एएलएस एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी और फिर 108 व 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए थे।