यूपी में 10 वर्ष पुराने डीजल व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर होगी सख्ती, वायु प्रदूषण रोकने को उठाया कदम

यूपी में प्रदूषण रोकने के उपायों की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी ने एनसीआर सहित सभी बड़े शहरों में वार रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दस वर्ष पुराने डीजल और पंद्रह वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों का चलना सख्ती से रोका जाए।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 11:47 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:28 AM (IST)
यूपी में 10 वर्ष पुराने डीजल व 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों पर होगी सख्ती, वायु प्रदूषण रोकने को उठाया कदम
यूपी में दस वर्ष पुराने डीजल और पंद्रह वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों का चलना सख्ती से रोका जाएगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। वायु प्रदूषण की गंभीर होती समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार अब इस दिशा में बड़े जतन करने जा रही है। प्रदूषण रोकने के उपायों की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी ने एनसीआर सहित सभी बड़े शहरों में वार रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दस वर्ष पुराने डीजल और पंद्रह वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों का चलना सख्ती से रोका जाए। पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए स्पष्ट कह दिया है कि इस मामले में शिथिलता मिलने पर अफसर जिम्मेदार होंगे। साथ ही अधिकारियों से कहा गया है कि जरूरत हो तो गोआश्रय स्थलों की संख्या बढ़ा दी जाए, लेकिन निराश्रित पशु सड़क पर नहीं दिखने चाहिए।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने गुरुवार को विभिन्न विषयों को लेकर मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग की। एनसीआर सहित कानपुर, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज और लखनऊ (कवाल) जैसे बड़े शहरों में वायु प्रदूषण रोकने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे सभी जिलों में वार रूम बनाए जाएं। रोड डस्ट मैनेजमेंट के तहत सप्ताह में कम से कम दो दिन सड़कों और पेड़-पौधों पर पानी का छिड़काव कराया जाए। ट्रैफिक हाटस्पाट चिह्नित कर भीड़भाड़ को रोकें।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि दस साल पुराने डीजल और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों का चलना सख्ती से रोका जाए। बाजारों में नो व्हीकल जोन बनें, निर्माण स्थलों की निगरानी के साथ इस संबंध में एनजीटी के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश स्थलों पर सभी व्यवस्थाएं रहें। सड़कों पर निराश्रित पशु न दिखें। निराश्रित गोवंश किसानों की फसलों का नुकसान न कर पाएं। यदि जिलों में अतिरिक्त आश्रय स्थलों की आवश्यकता हो तो उसका प्रस्ताव भिजवाएं। इसके लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। वहीं, पराली जलाने की घटनाओं को तत्काल जनप्रतिनिधियों और किसान संगठनों की मदद से रोका जाए। पराली जलाने के बजाय गोवंश आश्रय स्थलों पर भिजवाने की व्यवस्था करें। इसमें सख्ती बरतें। शिथिलता पाए जाने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी।

जमीन की वजह से न रुके कोई प्रोजेक्ट : मुख्य सचिव आरके तिवारी ने ने कहा कि कोई भी प्रोजेक्ट भूमि अधिग्रहण की वजह से लंबित न हो। जिलाधिकारी 15 दिन में एक बार भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों की गहन समीक्षा करें और अधिग्रहण का काम समय से पूरा कराकर जमीन कार्यदायी संस्थाओं को उपलब्ध कराएं। जमीन न मिलने के कारण कोई भी प्रोजेक्ट न रुके। अतिवृष्टि के कारण जनहानि, फसलों को नुकसान, पशुओं की हानि और घरों आदि को हुए नुकसान का ब्योरा लेते हुए निर्देश दिए कि जिलाधिकारी क्षति का आकलन कर प्राथमिक रिपोर्ट शुक्रवार को अवश्य भिजवा दें। मुआवजा भी 15 नवंबर, 2021 से पहले जरूर बांट दिया जाए।

सुबह नौ से रात दस बजे तक हो कामकाजी लोगों का टीकाकरण : प्रदेश में प्रतिदिन 22-25 लाख टीके की डोज लगाने की रणनीति बनाने के लिए कहा गया है। तिवारी ने कहा कि वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। किसी भी केंद्र पर 5-6 दिन का स्टाक हमेशा उपलब्ध रहे। जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी इसकी दैनिक समीक्षा करें। टीकाकरण की गति बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि जिलों में एक या एक से अधिक ऐसे केंद्र बनाए जाएं, जहां पर सुबह नौ से रात दस बजे तक टीकाकरण चलता रहे, ताकि कामकाजी लोगों को सहूलियत रहे। उन्होंने धान खरीद, ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित मजदूरों के पंजीयन आदि की भी समीक्षा की।

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