Ayodhya Ram Mandir News: झारखंड के तांबे से जुड़ेंगी राम मंदिर की शिलाएं, सिंहभूम में है तांबा शोधन कारखाना
एचसीएल के ताम्र की पहचान देश-विदेश में है। सिंहभूम के मऊ भंडार में तांबा शोधन का कारखाना हैं। कंपनी ताम्र अयस्क से एनोड का निर्माण करती है। फिर एनोड से कैथोड बनाती है। फिर उस कैथोड से एचसीएल दूसरे यूनिट में सीसी राड व अन्य सामग्री का निर्माण करती है।
अयोध्या, जागरण संवाददाता। राम मंदिर की शिलाएं झारखंड के तांबे से जुड़ेंगी। हाल ही में मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के प्रतिनिधियों ने झारखंड स्थित सिंहभूम में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिदुस्तान कापर लिमिटेड (एचसीएल) की ताम्र खदानों का दौरा किया है। एलएंडटी के विशेषज्ञ एचसीएल के तांबे की उपयोगिता का आंकलन करने में लगे हैं।
एचसीएल के ताम्र की पहचान देश-विदेश में है। सिंहभूम के मऊ भंडार में तांबा शोधन का कारखाना हैं। कंपनी ताम्र अयस्क से एनोड का निर्माण करती है। फिर एनोड से कैथोड बनाती है। फिर उस कैथोड से एचसीएल दूसरे यूनिट में सीसी राड व अन्य सामग्री का निर्माण करती है। गत वर्ष मंदिर निर्माण की शुरुआत से ही इस पर मंथन चलने लगा था कि मंदिर के लिए निर्धारित आकार में तराश कर रखी गईं शिलाओं को किस तरह जोड़ा जाए और अंतिम रूप से इन्हें तांबे की छड़ों से जोडऩे की योजना बनाई गई।
अगले कुछ महीनों में नींव और प्लिंथ का निर्माण पूर्ण होने के बाद शिलाओं को जोड़ कर मंदिर निर्माण का काम आगे बढऩा है और इसी क्रम में मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था अपेक्षित रूप से मजबूत तांबे की तलाश को अंतिम रूप देने में लगी है। मंदिर निर्माण में लगभग 30-35 टन तांबा के उपयोग का अनुमान है। कंपनी के यूनिट हेड संजय सिंह के अनुसार एलएंडटी की ओर से जिस साइज के तांबे की मांग की गई है, उसके लिए अलग से तैयारी करनी होगी।