लखनऊ में चोरी की बाइक से भर रहे थे फर्राटा, चेकिंग के दौरान पुलिस ने दबोचा

लखनऊ की सड़कों पर दौड़ रही बाइक ही अब चोरों के राज खोलने लगी है। दो पहिया वाहन चोरों को पकड़ने के क्रम में पुलिस का नया तरीका हिट हो रहा है। पुलिस को कोई भी बाइक सवार संदिग्ध नजर आता है तो उसे रोकर सारे कागजात मांगे जाते हैं।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 04:39 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:25 AM (IST)
लखनऊ में चोरी की बाइक से भर रहे थे फर्राटा, चेकिंग के दौरान पुलिस ने दबोचा
पुलिस के इस नए तरीके से बीते तीन अक्टूबर को आलमबाग व ठाकुरगंज से एक-एक चोर पकड़े गए।

लखनऊ, [हितेश सिंह]। शहर की सड़कों पर दौड़ रही बाइक ही अब चोरों के राज खोलने लगी है। दो पहिया वाहन चोरों को पकड़ने के क्रम में पुलिस का नया तरीका हिट हो रहा है। दरअसल, चौराहों और नाकों पर खड़ी पुलिस को कोई भी बाइक सवार संदिग्ध नजर आता है तो वह बाइक सवार को रोककर सबसे पहले बाइक की नंबर प्लेट की फोटो खींचती और उसके बाद उस नंबर को मोबाइल पर डालकर उसका डाटा निकाल लेती है। उसके बाद बाइक सवार से आरसी, कलर, मॉडल नंबर, रजिस्टर्ड आइडी सहित कई सवालों की बौछार करती है। जैसे ही बाइक सवार सवालों के जाल में उलझता है पुलिस का शक यकीन में तब्दील होने लगता है। अगर बाइक सवार कहता है कि बाइक उसके दोस्त व रिश्तेदार के नाम रजिस्टर्ड है तो पुलिस तुरंत उनके दोस्त व रिश्तेदार का मोबाइल नंबर लेकर उनसे जानकारी एकत्र करती है।

पुलिस के इस नए तरीके से बीते तीन अक्टूबर को आलमबाग व ठाकुरगंज से एक-एक चोर पकड़े गए थे। आलमबाग इंस्पेक्टर अमरनाथ वर्मा ने बताया कि बीते तीन अक्टूबर को चेकिंग के दौरान बाइक सवार एक संदिग्ध को रोका गया। नंबर की जांच की गई तो बाइक चोरी की निकली जबकि इसकी निशानदेही पर दो अन्य बाइक व एक स्कूटी बरामद की गई। वहीं, ठाकुरगंज इंस्पेक्टर विश्वजीत सिंह ने बताया कि पहले बाइक चोरी की बाइक का पता लगाना पड़ता था। अब चेकिंग के दौरान या फिर कोई पीड़ित थाने आता है तो उसकी बाइक की पूरी जानकारी मोबाइल में गाड़ी नंबर डालते ही पता चल जाता है।

बीते सोमवार को एक बाइक चोर को पकड़ा गया। नंबरों की जांच में तीन चोरी की बाइक बरामद की गई। पुलिस विभाग के ई-चालान एप से चालान के साथ-साथ चोरों को दबोचा जा रहा है। फर्जी नंबर प्लेट का पता चलता है वाहन की चोरी कासामान्य तौर पर वाहन चोर चोरी करने के बाद नंबर प्लेट को बदले देते हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब बाइक व स्कूटर और स्कूटी की नंबर प्लेट लगी मिली है। ऐसे में बाइक नंबर के आधार पर मिले विवरण से वाहन चोरी के बारे में पता लगता है।

वाहन चोरों की धरपकड़ के लिए आकस्मिक जांच में संदिग्ध वाहन चालाकों से बाइक के बारे में जानकारी ली जाती है। गलत जानकारी देने वालों से पूछताछ होती है। नंबर प्लेट के आधार पर उसका विवरण में मिलाया जाता है। इससे चोरों को पकड़ने में मदद मिल रही है। -श्रवण कुमार सिंह, एडीसीपी ट्रैफिक 

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