मिर्जापुर में शस्त्र लाइसेंस बनाने का दबाव बना रहा फर्जी अधिकारी हिमांशु शुक्ला को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

अधिकारी होने का दावा कर जालसाज हिमांशु शुक्ला ने कई अफसरों को अपने अरदब में लेने का प्रयास किया जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वह मिर्जापुर के पुलिस अधिकारियों को फोन कर एक शस्त्र लाइसेंस बनवाने का दबाव भी बना रहा था।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:15 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 08:45 AM (IST)
मिर्जापुर में शस्त्र लाइसेंस बनाने का दबाव बना रहा फर्जी अधिकारी हिमांशु शुक्ला को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
फर्जी अधिकारी हिमांशु शुक्ला को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश सचिवालय का फर्जी अधिकारी बनकर जालसाजी का एक और बड़ा मामला पकड़ा गया है। प्रमुख सचिव का ओएसडी तथा परिवहन विभाग में अपर निजी सचिव होने का दावा कर जालसाज हिमांशु शुक्ला ने कई अधिकारियों को अपने अरदब में लेने का प्रयास किया, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। वह मिर्जापुर के पुलिस अधिकारियों को फोन कर एक शस्त्र लाइसेंस बनवाने का दबाव भी बना रहा था। फर्जी परिचय पत्र के जरिये उसने सरकारी सीयूजी सीरीज का नंबर हासिल कर लिया था, जिससे अधिकारियों को उसका फोन आने पर जल्द संदेह नहीं होता था।

शासन ने इस मामले की जांच स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को सौंपी थी। एसटीएफ के अधिकारियों ने छानबीन के बाद हिमांशु शुक्ला को पूछताछ के लिए शनिवार को अपने मुख्यालय बुलाया और गिरफ्तार कर लिया। उसके विरुद्ध लखनऊ के विभूतिखंड थाने में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एसटीएफ अब उसके और कारनामों तथा उसके संपर्क में आए लोगों के बारे में छानबीन कर रही है, जिसमें बड़े राजफाश भी हो सकते हैं।

एसटीएफ के सीओ अमित नागर ने बताया कि आकाश एन्क्लेव अपार्टमेंट, वृंदावन योजना लखनऊ का निवासी हिमांशु बीटेक कर चुका है। वह पूर्व में रियल एस्टेट से जुड़ी फर्मों मे काम करता था। बाद में सचिवालय के कर्मचारियों के संपर्क में आया था तथा संविदा पर अनुसेवक के तौर पर करीब दो साल सचिवालय में काम भी किया था। उसके पास से अपर निजी सचिव, उप्र सचिवालय का जाली पहचान पत्र भी बरामद हुआ है।

... बोला, बापू भवन में बैठता हूं : एसटीएफ छानबीन करते हुए जब हिमांशु तक पहुंची तो पहले उसने उल्टा एसटीएफ को ही दबाव में ले लिया था। कहा था कि वह अपर निजी सचिव, परिवहन विभाग के पद पर तैनात है और बापू भवन, पंचम तल पर बैठता है। जाली परिचय पत्र दिखाकर यह रौब भी झाड़ा कि मीरजापुर में उसका व्यक्तिगत काम था, लेकिन वहां के अधिकारी सही काम नहीं कर रहे थे। लिहाजा उसने उन्हें फटकार लगाई थी। इससे क्षुब्ध होकर स्थानीय अधिकारियों ने उसकी झूठी शिकायत की है। यह भी धौंस दी थी कि उसके विरुद्ध जो रिपोर्ट भेजनी है, वह भेज दी जाए।

जालसाजों से सांठगाठ में दो डीआइजी भी हो चुके हैं निलंबित : सचिवालय में दलालों की सक्रियता लंबे समय से रही है। इससे पूर्व एसटीएफ ने ही पशुपालन विभाग में 292 करोड़ का टेंडर दिलाने के नाम पर करीब नौ करोड़ रुपये हड़पने का मामला पकड़ा था। मामले में 13 जून, 2020 को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 11 आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई गई थी। एसटीएफ ने 14 जून, 2020 को राज्यमंत्री पशुधन मत्स्य व दुग्ध विकास के प्रधान निजी सचिव रजनीश दीक्षित, सचिवालय के संविदाकर्मी धीरज कुमार देव, कथित पत्रकार एके राजीव, आशीष राय, निजी चैनल के पत्रकार अनिल राय, रूपक राय व उमाशंकर तिवारी को गिरफ्तार किया था। बाद में अन्य आरोपित भी पकड़े गए थे। इसी प्रकरण में संलिप्तता सामने आने पर डीआइजी अरविंद सेन व दिनेश चंद्र दुबे को निलंबित किया गया था।

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