राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद 14 नवंबर से करेगा मंडलीय सम्मेलन, 24 दिसंबर को विधानसभा घेरने की तैयारी

विधानसभा चुनाव को देखते हुए आश्वासनों की झड़ी लगी है लेकिन आश्वासनों से काम नहीं चलने वाला। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 14 नवंबर से मंडलीय सम्मेलनों के माध्यम से जागरूकता अभियान व 24 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 12:52 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 12:52 PM (IST)
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद 14 नवंबर से करेगा मंडलीय सम्मेलन, 24 दिसंबर को विधानसभा घेरने की तैयारी
कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन हुआ है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। विधानसभा चुनाव को देखते हुए आश्वासनों की झड़ी लगी है लेकिन, आश्वासनों से काम नहीं चलने वाला। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने 14 नवंबर से मंडलीय सम्मेलनों के माध्यम से जागरूकता अभियान व 24 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा घेराव करने का निर्णय लिया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारियों, सदस्यों जिला शाखा के अध्यक्ष, मंत्री, प्रतिनिधियों व संबद्ध संगठनों के अध्यक्ष, महामंत्रियों की बैठक रविवार को संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी की अगुवाई में संयुक्त परिषद के कार्यालय जियामऊ में हुई।

परिषद अध्यक्ष ने कहा कि संयुक्त परिषद जुलाई से कर्मचारियों की मांगें निस्तारित कराने को प्रयासरत है, कई महत्वपूर्ण मांगों पर निर्णय भी हुआ है। कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन हुआ है। इसके अलावा विभागीय कर्मचारियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए भी समिति बनाई गई है, जिसमें कर्मचारियों की समस्याएं प्राथमिकता के साथ हल करने का आश्वासन दिया गया है। तिवारी ने कहा कि चुनावी वर्ष में आश्वासनों की तो झड़ी लगी है लेकिन इससे काम नहीं चलेगा। यह तो समय बताएगा कि इन समितियों के माध्यम से कर्मचारियों की कितनी समस्याओं का समाधान निकलता है, क्योंकि अब चुनाव में दो माह ही शेष बचे हैं।

कर्मचारियों की महत्वपूर्ण मांगों में आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवा शर्तों का संरक्षण, उनको सेवा की गारंटी, संवर्ग के न्यूनतम वेतन के बराबर मानदेय, सेवा नियमावली बनाया जाना, शासकीय विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाना, नियत वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों आशा बहू ,आशा संगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री, पर्यवेक्षक पीआरडी जवान, रसोईया, चौकीदार, पंचायतों में कार्यरत सफाई कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए न्यूनतम 15000 रुपये मानदेय दिया जाना, कर्मचारियों के वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाना, रिक्त पदों को भरा जाना सहित दर्जनों अभी लंबित हैं।

संयुक्त परिषद के महामंत्री निरंजन कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि अब कर्मचारियों के सामने आंदोलन के सिवा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने यह घोषणा किया कि चुनाव से पहले राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के माध्यम से प्रदेश का लाखों कर्मचारी निर्णायक संघर्ष करने के लिए तैयार हैं। सरकार को 15 दिन की नोटिस देते हुए संयुक्त परिषद ने आंदोलन का कार्यक्रम तय किया है। बैठक में उपाध्यक्ष ओम प्रकाश पांडे, विजय श्याम तिवारी, डा. पुनीत भारद्वाज, आदित्य नारायण झा, सर्वेश, संयुक्त मंत्री रेनू मिश्रा, ओम प्रकाश गौड़, विनोद कुमार यादव, इंद्रजीत सिंह सहित नेताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।

chat bot
आपका साथी