घरेलू नुस्खों ने बढ़ाई किराना आइटम की खपत, लखनऊ में ठंड आते ही डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ी खपत
सर्दी बढ़ने के साथ ही अब घरों में काढ़ा और उबलना शुरू हो गया है। ऐसे में काली मिर्च दालचीनी हल्दी मेंथी दालचीनी अजवाइन जीरा धनिया जैसे मसालों की मांग बढ़ गई है। पारा कम होने के साथ ही बढ़ी कीमतों ने किराना आइटम और गर्म कर दिया है।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]। वैसे ही लोग कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर के रूप में देशी घरेलू नुस्खों का जमकर उपयोग कर रहे हैं, बची कसर लगातार गिरते पारे ने पूरी कर दी है। सर्दी बढ़ने के साथ ही अब घरों में काढ़ा और उबलना शुरू हो गया है। ऐसे में काली मिर्च, दालचीनी, हल्दी, मेंथी, दालचीनी, अजवाइन, जीरा, धनिया जैसे मसालों की मांग बढ़ गई है। पारा कम होने के साथ ही बढ़ी कीमतों ने मसाला खासतौर पर किराना आइटम और गर्म कर दिया है। पहले की तुलना में खपत बढ़कर डेढ़ गुनी से अधिक हो गई है। वह भी तब, जब जीरा, लाल मिर्च आदि कई किराना की चीजों की नई फसल दस्तक दे चुकी है।
यह सही है किराने से जुड़ी चीजों के भाव और खपत दोनों में अंतर आया है। कहा जा सकता है कि डिमांड डेढ़ गुनी हो गई है। मसाले के आइटम की खरीदारी अब ज्यादा हो रही है। हल्दी, जीरा, धनिया, काली मिर्च, मेंथी, दालचीनी सरीखे मसाले आमतौर पर रोज तीन ट्रक के आसपास की खपत मंडी में बनी रहती थी। लेकिन अब इसकी संख्या औसतन बढ़कर चार से पांच ट्रक रोज हो गई है। अब तो सर्दी का सीजन है। काली मिर्च, दालचीनी, मेंथी, हल्दी आदि का उपयोग और बढ़ गया है। - विनोद कुमार अग्रवाल, किराना के थोक कारोबारी एवं सदस्य किराना कमेटी
आमतौर पर किराना थोक बाजार में 100 से 120 ट्रक मसालों की खपत महीनेभर में रहती थी। लेकिन अब यह 150 ट्रक प्रति माह तक पहुंच गई है। एक तो कोरोना संक्रमण का प्रभाव दूसरे घर-घर उबलता काढ़ा से मांग में इजाफा हुआ है। पहले की तुलना में कई चीजों की कीमत भी चढ़ी हैं तो कई आइटम की कीमत नई फसल आने से कम भी हुई है। सुभाष मार्ग, रकाबगंज, नेहरूक्रास, राजाबाजार आदि थोक बाजार में किराना की खपत ठीक है। -अमित अग्रवाल, उपाध्यक्ष व्यापार मंडल, थोक किराना कारोबारी
लहसुन, हल्दी, काली मिर्च, दालचीनी आदि की मांग सर्वाधिक
कह सकते हैं कि सर्वाधिक मांग वाली चीजों में लहसुन, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी, हल्दी, अजवाइन, मेंथी आदि हैं। दरअसल यह सभी मसाले प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और काढ़े के रूप में ज्यादा प्रयोग किए जाते हैं। वहीं दूध में हल्दी का सेवन आजकल खब चलन में है।