भाजपा सांसदों की दिल्ली में बैठक पर अखिलेश यादव का तंज, चाहे जितनी बैठकें कर लें जनता अब हटाकर रहेगी

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के भाजपा सांसदों की दिल्ली में बुलाई गई बैठक पर बुधवार को तंज कसा। उन्होंने कि भाजपा अपने सांसदों से यूपी की दुर्दशा व दुर्गति का हाल दिल्ली बुलाकर पूछ रही है इससे पता चलता है कि दिल्ली तथा लखनऊ में कितनी दूरी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:26 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 12:36 AM (IST)
भाजपा सांसदों की दिल्ली में बैठक पर अखिलेश यादव का तंज, चाहे जितनी बैठकें कर लें जनता अब हटाकर रहेगी
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी के भाजपा सांसदों की दिल्ली में बुलाई गई बैठक पर बुधवार को तंज कसा।

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के सांसदों की दिल्ली में बुलाई गई बैठक पर बुधवार को तंज कसा। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि 'भाजपा आज अपने उत्तर प्रदेश के सांसदों से यूपी की दुर्दशा व दुर्गति का हाल दिल्ली बुलाकर पूछ रही है, इससे पता चलता है कि दिल्ली तथा लखनऊ में कितनी दूरी है। भाजपा चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठाकर और हटाकर ही दम लेगी। आकलन बाद में और (झूठी) तारीफ पहले, वाह रे भाजपा!'

भाजपा आज अपने उप्र के सांसदों से यूपी की दुर्दशा व दुर्गति का हाल दिल्ली बुलाकर पूछ रही है, इससे पता चलता है कि दिल्ली तथा लखनऊ में कितनी दूरी है।

भाजपा चाहे कितनी भी बैठकें कर ले पर अब जनता इन्हें उठाकर और हटाकर ही दम लेगी।

आँकलन बाद में और (झूठी) तारीफ़ पहले, वाह रे भाजपा!

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 28, 2021

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार में लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। सरकारी निकम्मेपन की वजह से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद-से-बदतर होती जा रही है। कोरोना संक्रमण से हुई मौत का कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए बतौर रक्षा कवच प्रचारित टीकाकरण अभियान सुस्त पड़ गया है। अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था चरमराई हुई है। एंबुलेंस सेवा के कर्मचारी हड़ताल पर हैं, मरीजों की जान खतरे में है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सरकारी कृपा से एंबुलेंस सेवा को संचालित करने वाली पहली एजेंसी से काम छीनकर अब इसका संचालन दूसरी एजेंसी को सौंप दिया गया है। दूसरी कंपनी अपनी मनमानी शर्तों पर इस सेवा को चलाना चाहती है। हड़ताल के कारण तीमारदार मरीजों को ट्रैक्टर, रिक्शे और गोद में लेकर अस्पताल पहुंचे रहे हैं। वहीं, 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण न देकर पिछड़ों, दलितों का रोजगार सरकार ने छीन लिया है।

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