अखिलेश यादव ने कहा- 25% ज्यादा नहीं होनी चाहिए स्कूल-कॉलेजों फीस, गाइडलाइन जारी करे यूपी सरकार

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण में 80 प्रतिशत प्रयास तो अभिभावकों को करने पड़ते हैं। इस हिसाब से स्कूली फीस 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। सरकार को इस संबंध में गाइडलाइन जारी करना चाहिए।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 02:02 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 02:02 PM (IST)
अखिलेश यादव ने कहा- 25% ज्यादा नहीं होनी चाहिए स्कूल-कॉलेजों फीस, गाइडलाइन जारी करे यूपी सरकार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में स्कूल-कॉलेज खोलना सुरक्षित नहीं है।

लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव रैली के लिए लाखों एलईडी टीवी लगवाकर अरबों रुपये खर्च करने वाली भाजपा सरकार के पास शिक्षकों और छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था करने का फंड नहीं है? भाजपा सरकार इमानदारी से पीएम केयर्स फंड को जनता का फंड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे। अखिलेश यादव ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षण में 80 प्रतिशत प्रयास तो अभिभावकों को करने पड़ते हैं। इस हिसाब से स्कूली फीस 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। सरकार को इस संबंध में गाइडलाइन जारी करना चाहिए।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में शिक्षा की निरंतरता के लिए स्कूल-कॉलेज खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह गरीब परिवार के छात्र-छात्राओं को एक स्मार्टफोन, नेटवर्क और बिजली उपलब्ध कराए। साथ ही शिक्षकों को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निश्शुल्क हार्डवेयर दे।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने 2017 के चुनाव घोषणापत्र में युवाओं को लैपटॉप देने का वादा किया था। उसने यह भी कहा था कि कॉलेजों में दाखिला लेने पर सभी युवाओं को बिना जाति-धर्म के भेदभाव के मुफ्त लैपटॉप दिया जाएगा। भाजपा के दूसरे वादों की तरह ये वादे भी बस उनके संकल्प पत्र में ही लिखे रह गए।

चुनावी रैली के लिए लाखों LED TV लगवाकर अरबों का प्रचार फ़ंड खर्च करनेवाली वर्तमान सत्ता के पास क्या शिक्षार्थियों-शिक्षकों के लिए ऑनलाइन शिक्षण के लिए व्यवस्था करने का फ़ंड नहीं है. भाजपा सरकार ईमानदारी से पीएम केयर्स फ़ंड को जनता केयर्स फ़ंड बनाए और देश के भविष्य की चिंता करे. pic.twitter.com/ZoHhm1Pex9

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 23, 2020

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि सच तो यह है कि ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भी भाजपा सरकार की भटकाऊ नीति का ही एक अंग है। गांवों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को बिजली की किल्लत रहती है, नेटवर्क काम नहीं करता है, गरीब घरों में लैपटाप, स्मार्टफोन नहीं है। लॉकडाउन में रोटी-रोजगार की भी परेशानी बढ़ी है। जिसके दो या तीन बच्चे पढ़ने वाले हैं वे हरेक के लिए कहां से फोन, लैपटॉप की व्यवस्था कर पाएंगे?

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षा जगत में इन दिनों अभिभावकों के सामने एक और विकट समस्या स्कूल-कॉलेजों की फीस भरने की है। ऑनलाइन शिक्षण में 80 प्रतिशत प्रयास तो अभिभावकों को करने पड़ते हैं। इस हिसाब से स्कूली फीस 25 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। किंतु स्कूल-कॉलेज अभी पूरी फीस वसूलना चाहते हैं। सरकार को इस संबंध में गाइडलाइन जारी करना चाहिए।

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