सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप- भाजपा राज में जनता त्रस्त, घोटालों की कमाई में जुट गई सरकार

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य की खुशहाली का झूठा सपना दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है। भाजपा राज में बच्चों के खाने पर डाका डाला गया है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:10 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:45 AM (IST)
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप- भाजपा राज में जनता त्रस्त, घोटालों की कमाई में जुट गई सरकार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में उत्तर प्रदेश की बदहाली की इबारत लिख दी गई है। जनता त्रस्त है, कानून व्यवस्था ध्वस्त है। सच तो यह है कि प्रदेश में ऐसी सरकार है, जिसमें न मंत्रियों की सुनवाई है, न ही जनता की। अखिलेश यादव ने कहा कि लोगों का विश्वास खो चुकी भाजपा अब चलते चलाते घोटालों की कमाई में लग गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस का मुख्यमंत्री का दावा खोखला साबित हुआ है।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य की खुशहाली का झूठा सपना दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है। भाजपा राज में बच्चों के खाने पर डाका डाला गया है। सपा अध्यक्ष ने कहा, बरेली के 49 परिषदीय विद्यालयों में सरकारी खाते से पैसा तो निकला, लेकिन भोजन छात्रों को नहीं मिला।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि कानपुर में शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में 6.50 करोड़ रुपये का घपला सामने आया है। लखनऊ में 5500 परमिट नवीनीकरण में वसूले गए जुर्माने में 15 करोड़ का गबन हो गया। बरेली के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में बिना छात्राओं की उपस्थिति के भोजन, पानी, अन्य सुविधाओं के नाम पर 84 लाख रुपये खर्च में दिखा दिए गए। अखिलेश ने कहा कि बरेली के अलावा प्रदेश के 17 जिलों में भी घपले होने की चर्चा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भविष्य की खुशहाली का झूठा दिखाने वाला भाजपा नेतृत्व भी अब समझने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में उसका सत्ता से बाहर होना तय है और समाजवादी सरकार बनने वाली है। इसलिए हड़बड़ी में डबल इंजन वाले जहां लोकतंत्री व्यवस्थाओं को धता बताते हुए मुख्यमंत्री को ही बनाए रखने का राग अलाप रहे हैं, वहीं पार्टी के अंदर उनके विरोध में स्वर उभरने लगे हैं। दो जिम्मेदार मंत्रियों ने कह दिया है कि चुनाव बाद केंद्र तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा? प्रदेश की राजनीति में यह हास्यास्पद स्थिति है।

chat bot
आपका साथी