आंदोलनकारी किसानों को मवाली कहने पर भड़के सपा अध्यक्ष अखिलेश, कहा-ऐसा कहना मानसिक दिवालियापन
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सामाजिक न्याय के विरूद्ध षडयंत्र कर रही है। जिनका हक है उनको वंचित किया जा रहा है। भाजपा कभी निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर सकती है। वह किसी को हक और सम्मान नहीं देना चाहती है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा के एक मंत्री द्वारा आंदोलनकारी किसानों को मवाली कहने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट किया कि 'भाजपा के एक मंत्री द्वारा आंदोलनकारी किसानों को मवाली कहा जाना मानसिक दिवालियापन है। यह देश की दो तिहाई जनसंख्या ही नहीं, बल्कि पूरे देश का अपमान है। उन्होंने कहा कि किसानों का उगाया अनाज खाना भाजपाई बंद कर दें।' वहीं, अखिलेश से गुरुवार को शिक्षक भर्ती के आंदोलनरत अभ्यर्थियों ने भेंट की।
उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती की जारी चयन सूची में अनियमितता की वजह से अन्य पिछड़े वर्ग के लगभग 15 हजार अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया है। अभ्यर्थियों ने बताया कि 22 मई 2021 से अभी तक वे धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, शासन-प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। अपने हक की आवाज उठाने पर उन पर लाठियां बरसाई गई।
अखिलेश यादव ने अभ्यर्थियों से कहा कि भाजपा सामाजिक न्याय के विरूद्ध षडयंत्र कर रही है। जिनका हक है उनको वंचित किया जा रहा है। भाजपा कभी निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर सकती है। वह किसी को हक और सम्मान नहीं देना चाहती है। वह लोगों को प्रताडि़त करती है। अभ्यर्थियों की समस्या के समाधान के बजाय भाजपा सरकार उन्हें डराने-धमकाने का काम कर रही है। उसका यह कृत्य अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण है।