MLA न दें भ्रष्ट प्रधानों का साथ तो रुक जाए करप्शन, VDO का विधायक पर हमला
हरदोई गोपामऊ विधान सभा क्षेत्र के विधायक पर ग्राम विकास अधिकारी का निशाना। विधायक बोले भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया गया था ग्राम विकास अधिकारी।
हरदोई, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के हरदोई में विधायक और ग्राम विकास अधिकारी के बीच सोशल वॉर दिखाई दिया। गोपामऊ विधान सभा क्षेत्र से विधायक श्याम प्रकाश की मनरेगा में कमीशन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट पर ग्राम विकास अधिकारी ने सवाल खड़े कर दिए। ग्राम विकास अधिकारी ने समन्वयक समिति के वाट्सएप ग्रुप पर लिखा कि विधायक ही भ्रष्ट प्रधानों का सहयोग करना छोड़ दें तो भ्रष्टाचार रुक जाएगा। हालांकि, विधायक का कहना है कि जो उनके खिलाफ लिख रहा है, उसे भ्रष्टाचार के आरोप में हटाया गया था। उसी रंजिश में यह आरोप लगाए जा रहे हैं।
सोशल मीडिया पर खूब छाई विधायक की पोस्ट
विधायक श्याम प्रकाश ने सोमवार को सोशल मीडिया फेसबुक पर की गई पोस्ट में मनरेगा में कमीशन की बात कहते हुए सिस्टम पर सवालिया निशान लगाया था। प्रधानों का पक्ष लेते हुए उन्होंने लिखा था कि प्रधानों को मास्टर रोल स्टीमेट से ही कमीशन देना पड़ता है। विधायक की पोस्ट सोशल मीडिया पर खूब छाई, लेकिन एक ग्राम विकास अधिकारी ने ही उन्हें निशाने पर ले लिया।
ग्राम विकास अधिकारी ने विधायक पर साधा निशाना
ग्राम विकास अधिकारी राकेश वर्मा ने वाट्सएप ग्रुप पर लिखा कि विधायक ही भ्रष्ट प्रधानों का साथ देना छोड़ दें तो भ्रष्टाचार समाप्त हो जाए। जो सचिव सही काम करना चाहते हैं तो प्रधान उनसे कुछ और ही चाहते हैं। जब वह भ्रष्टाचार नहीं करता तो विधायक से कहकर उसका स्थानांतरण करवा दिया जाता है। उन्होंने विधायक पर उसका स्थानांतरण कराने का आरोप लगाते हुए अपने मैसेज में कई प्रधानों के नाम भी दिए। अंत में मुंह में राम बगल में छुरी लिखा है। हालांकि, उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी-ग्राम विकास अधिकारी समन्वयक समिति के वाट्सएप ग्रुप पर यह संदेश लिखा था। जिसका कई सचिवों ने समर्थन भी किया, लेकिन वाट्सएप ग्रुप का संदेश मंगलवार को वायरल हो गया।
विधायक ने ग्राम विकास अधिकारी को बताया भ्रष्ट
वहीं, दूसरी तरफ विधायक श्याम प्रकाश ने उनको लेकर मैसेज लिखने वाले ग्राम विकास अधिकारी राजेश वर्मा पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। विधायक ने बताया कि क्षेत्र में जो भ्रष्टाचार करता है, उसका वह विरोध करते हैं। ग्राम विकास अधिकारी ने भी एक प्रधान के साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया। जिसमें उनका स्थानांतरण किया गया। उनका इस मामले में कोई लेना देना नहीं है।