सरकारी योजनाओं के नाम पर करोड़ों की ठगी, बाराबंकी में छह ग‍िरफ्तार; ब‍िहार से संचालित था गिरोह

एसपी ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है। इसका सरगना शाहिद अनवर बिहार के बेतिया बिहार का रहने वाला है। गिरोह के कुछ सदस्य शिविर लगाकर सिम बेचते हैं। वहीं पर ही कुछ कम पढ़े-लिखे लोगों को भ्रम में डालकर एक से अधिक सिम कार्ड एक्टिवेट कर लेते थे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 06:24 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 07:20 AM (IST)
सरकारी योजनाओं के नाम पर करोड़ों की ठगी, बाराबंकी में छह ग‍िरफ्तार; ब‍िहार से संचालित था गिरोह
कब्जे से 22 लाख रुपये, सिमकार्ड, पासबुक, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन व कार बरामद।

बाराबंकी, संवादसूत्र। सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के छह सदस्यों को पुलिस और साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। यह गिरोह इतना सक्रिय था कि प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक ठगी करता था। एक दिसंबर को नगर कोतवाली के बंकी नगर पंचायत के मुहल्ला दक्षिण टोला के मो. मेराज पुत्र रियाज, मो. फुरकान पुत्र मो. इब्राहिम, मो. सुहैल पुत्र मो. समून कोतवाली में तहरीर दी थी। सरकारी योजनाओं का लाभ देने का लालच देकर ठगी की है। पुलिस अधीक्षक अनुराग वत्स के निर्देश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।

पकड़े गए यह आरोपित : साइबर सेल व कोतवाली नगर पुलिस टीम ने रामनगर के सुढ़ियामऊ के लकी वर्मा पुत्र सत्य प्रकाश वर्मा, बिहार के चौकटिया थाना मझौलिया के चुन्नू कुमार पुत्र स्व. दिनेश प्रसाद, सीतापुर के सिधौली के बलुइया रविंद्र कुमार पुत्र मुन्ना लाल, घुंघटेर के ग्राम रमपुरवा के अमित कुमार पुत्र राम बिलास को पकड़ा। सीतापुर के ग्राम गांगूपुर, थाना संदना के संदीप कुमार पुत्र राधे, हाल पता लौलाई काशीराम कालोनी लखनऊ, बंकी के मियां बाजार के रहने वाले हुस्ना उर्फ खुशनुमा पुत्री रज्जब अली को गिरफ्तार किया गया।

कैंप लगाकर धोखे से बनाते थे सिमकार्ड : एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि यह एक संगठित गिरोह है। इसका सरगना शाहिद अनवर बिहार के बेतिया बिहार का रहने वाला है। गिरोह के कुछ सदस्य शिविर लगाकर सिम बेचते हैं। वहीं पर ही कुछ कम पढ़े-लिखे लोगों को भ्रम में डालकर एक से अधिक सिम कार्ड एक्टिवेट कर लेते हैं। यह नंबर सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर 10-10 लोगों का समूह बनाकर उनके विभिन्न बैंकों में खाते खोलवा देते हैं। लाटरी, इनाम, दुर्घटना बीमा, लोन आदि का आया पैसा निकाल लेते हैं। खाताधारक को इसकी भनक भी नहीं लगती है। पैसा गिरोह के सरगना शाहिद अनवर को भेज दिया जाता है। कमीशन के तौर पर प्रत्येक बैंक एकाउंट का 25 हजार रुपये सदस्यों को मिलता है।

बरामद हुआ यह सामान : 22 लाख रुपये नकद, नौ एटीएम कार्ड, 28 पासबुक, 17 मोबाइल फोन, 68 सिम कार्ड, स्विफ्ट डिजायर कार। 

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