गाजियाबाद के 11 शैक्षणिक संस्थानों में 58 करोड़ की हेराफेरी, छात्रवृत्ति घोटाले में SIT को दो साल बाद मिली सफलता

UP Scholarship Scam उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को गाजियाबाद के 11 शैक्षणिक संस्थानों में 58 करोड़ की हेराफेरी के पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। एसआईटी ने घोटाले में एफआईआर दर्ज कराई है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 02:31 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:28 AM (IST)
गाजियाबाद के 11 शैक्षणिक संस्थानों में 58 करोड़ की हेराफेरी, छात्रवृत्ति घोटाले में SIT को दो साल बाद मिली सफलता
एसआईटी को गाजियाबाद के 11 शैक्षणिक संस्थानों में 58 करोड़ की हेराफेरी के पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को गाजियाबाद के 11 शैक्षणिक संस्थानों में 58 करोड़ की हेराफेरी के पुख्ता सुबूत हाथ लगे हैं। एसआईटी ने घोटाले में एफआईआर दर्ज कराई है। पीजीडीएम यानी कि पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा ऑफ मैनेजमेंट कोर्स वाले संस्थानों में फर्जीवाड़ा करने वाले संस्थानों के रजिस्ट्रार के साथ ही तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी पारितोष कुमार समेत कुछ अन्य अधिकारी और कर्मचारियों को भी मुकदमे में नामजद किया गया है।

गृह विभाग के निर्देश पर करीब दो सौ करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआइटी को दो साल बाद बड़ी सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2013 से 2017 के दौरान हुए इस घोटाले की जांच शासन ने 19 जून, 2019 में एसआईटी को सौंपी थी। मुरादनगर निवासी राम सिंह ने तत्कालीन डीएम निधि केसरवानी से शिकायत की थी कि उस समय के समाज कल्याण अधिकारी पारितोष कुमार, उर्दू अनुवादक जाकिर हुसैन व समाज कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी और कर्मचारियों ने पीजीडीएम कोर्स संचालित करने वाले निजी संस्थानों से मिलीभगत करके करीब 200 करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला किया है।

जांच में सामने आया है कि आरोपितों ने मिलीभगत कर छात्रवृत्ति व फीस प्रतिपूर्ति लेने के लिए फर्जी छात्रों के एडमिशन दिखाए, 626 छात्रों का भौतिक सत्यापन करने पर पता चला कि इनमें से 45 प्रतिशत के पास कोई प्रमाणपत्र ही नहीं थे। करीब दो साल तक जांच के बाद एसआईटी ने समाज कल्याण अधिकारी समेत कई आरोपितों के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज की है।

ये हैं नामजद : गाजियाबाद के तत्कालीन समाज कल्याण अधिकारी पारितोष कुमार श्रीवास्तव, उर्दू अनुवादक व सह वरिष्ठ सहायक जाकिर हुसैन, समाज कल्याण विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी, बीएलएस इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट के रजिस्ट्रार कपिल गर्ग, एनआईएमटी इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी के चेयरमैन कुंवर पाल सिंह, आईटीईआरसी कालेज आफ मैनेजमेंट के चेयरमैन राकेश मोहन गर्ग, एनसीआर बिजनेस स्कूल के सचिव संजीव गुप्ता, न्यू एरा कालेज आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी के निदेशक अवि मलिक, एचआर इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज के निदेशक बृजेश तोमर, एचएलएम बिजनेस स्कूल के सचिव सुनील मिगलानी, इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल एक्सीलेंस एंड मैनेजमेंट के सचिव अनुपम गोयल, शिवा इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट स्टडीज की निदेशिका शैफाली गौतम, भगवती इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड साइंस के सचिव हिमांशु सिंघल, इंस्टीट्यूट आफ एडवांस मैनेजमेंट एंड रिसर्च के रजिस्ट्रार अरुण कुमार गोयल और ट्रिनिटी कालेज फार मैनेजमेंट एंड टेक्नोलाजी के निदेशक संदीप रोहिला।

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