उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम भर्ती में धांधली के भी SIT ने जुटाए साक्ष्य, जल्द सौंपेगी जांच रिपोर्ट

एसआइटी ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम व सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के जरिये की गई भर्तियों में भी धांधली के कई अहम साक्ष्य जुटाए हैं। अब एसआइटी इन भर्तियों की जांच रिपोर्ट भी जल्द शासन को सौंपने की तैयारी है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 08:21 AM (IST)
उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम भर्ती में धांधली के भी SIT ने जुटाए साक्ष्य, जल्द सौंपेगी जांच रिपोर्ट
एसआइटी ने राज्य भंडारण निगम व सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के जरिये भर्तियों में धांधली के अहम साक्ष्य जुटाए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुए बहुचर्चित कोआपरेटिव बैंक नियुक्ति घोटाले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) अब सोमवार को आरोपित अधिकारियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कर सकती है। इसके साथ ही एसआइटी ने उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम व सहकारी संस्थागत सेवा मंडल के जरिये की गई भर्तियों में भी धांधली के कई अहम साक्ष्य जुटाए हैं।

एसआइटी इन भर्तियों में गड़बड़ी की जांच पहले से ही कर रही है। उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम व सहकारी संस्थागत सेवा मंडल से जुड़ी भर्तियों की जांच रिपोर्ट भी जल्द शासन को सौंपने की तैयारी है। हालांंकि शासन ने इसके लिए एसआइटी को एक माह का वक्त दिया है। जांच में कोआपरेटिव बैंक में सहायक प्रबंधकों के पद पर की गई भर्तियों में एक ही विधानसभा क्षेत्र के करीब 33 लोगों की नियुक्त किए जाने की बात भी सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि सहकारी संस्थागत सेवामंडल के दो तत्कालीन चेयरमैन की भूमिका भी जांच के घेरे में हैं।

एसआइटी अब जिन भर्तियों की जांच कर रही है, उनमें करीब 1018 पद उप्र ग्राम्य विकास बैंक के हैं। राज्य भंडारण निगम में 96 पदों पर हुई भर्ती के अलाव अन्य पदों पर हुई नियुक्तियां भी शामिल हैं। जांच एजेंसी इस प्रकरण को लेकर कई तत्कालीन अधिकारियों से पूछताछ भी कर चुकी है। भर्ती से जुड़े दस्तावेज भी जुटाए जा चुके हैं। उल्लेखनीय है कि सपा शासनकाल में वर्ष 2012 से 2017 के मध्य उप्र सहकारी भूमि विकास बैंक, उत्तर प्रदेश राज्य भंडारण निगम व उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड में हुई भर्तियों में अनियमितता के गंभीर आरोप हैं।

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