Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya News: कारसेवकपुरम में दर्शनार्थ रखी गईं अधिगृहीत मंदिर की भगवत प्रतिमाएं

Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya News यज्ञशाला में सजा राम और शिव परिवार। अधिग्रहण की जद में आए मंदिरों की हैं ये भगवत प्रतिमाएं। जनवरी 1993 में दो दर्जन से अधिक मंदिर परिसर के अधिग्रहण की जद में आ गए थे।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:30 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:43 AM (IST)
Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya News: कारसेवकपुरम में दर्शनार्थ रखी गईं अधिगृहीत मंदिर की भगवत प्रतिमाएं
Shri Ram Janmabhoomi Ayodhya News: अधिग्रहण की जद में आए मंदिरों की हैं ये भगवत प्रतिमाएं।

अयोध्या [प्रवीण तिवारी]। Ayodhya News : रामजन्मभूमि परिसर के अधिग्रहण के दौरान जिन भगवत प्रतिमाओं को संरक्षित किया गया था, इन्हें अब फौरी तौर पर कारसेवकपुरम में दर्शन के लिए रखा गया है। अब तक तकरीबन आठ से दस प्रतिमाओं को यहां की यज्ञशाला में फाउंडेशन बनाकर प्रतिष्ठित किया जा चुका है। यहां भगवान राम व शिव बाबा के परिवार के सदस्यों के विग्रह प्रतिष्ठित किए जा चुके हैं। भगवान राम के परिवार में मां जानकी, प्रभु राम, लक्ष्मण व हनुमानजी प्रमुख हैं तो भगवान शिव के परिवार में मां पार्वती के अलावा भगवान गणेश, नंदी, शिवलिंग के कुछ विग्रह भी हैं। 

ये प्रतिमाएं पाषाण से निर्मित ऊंची व चित्ताकर्षक भी हैं। ये कार्य श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय की निगरानी में चल रहा है। यज्ञशाला में रखी प्रतिमाएं सीता रसोई, आनंद और मानस भवन आदि मंदिर की हैं। अन्य प्रतिमाओं को भी व्यवस्थित किया जाएगा। यहां नित्य पूजन व यज्ञ आदि होता है, इन विग्रहों का भी सामान्य रूप से पूजन अर्चन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पहले से ही एक दिव्य हनुमानजी की प्रतिमा भी यज्ञशाला में प्रतिष्ठित है।

जनवरी 1993 में दो दर्जन से अधिक मंदिर परिसर के अधिग्रहण की जद में आ गए थे। इनका अस्तित्व तो मिट गया पर मंदिरों में स्थापित इष्ट की प्रतिमाओं को मानस भवन मंदिर में संरक्षित रखा गया था। तब से लेकर आज तक इन भगवत स्वरूपों का दर्शन किसी को नहीं मिला। मंदिर निर्माण के कार्य में आई तेजी के बाद जब मानस भवन को ढहाया जाने लगा तभी इन प्रतिमाओं को कारसेवकपुरम में लाया गया था। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना के अनुसार जब राम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा तो इन सभी इष्ट की प्रतिमाओं को मंदिर परिसर में स्थापित किया जाएगा।

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