Corruption in Lucknow Nagar Nigam: नगर निगम में बिना कोटेशन की खरीदारी, 90 दिन में ही खर्च कर दिए 16 करोड़
नगर निगम के अधिकारियों ने 90 दिन में 16 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। रुपये खर्च करने की जल्दबाजी में लाखों का सामान बिना किसी जरूरत के ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए ही खरीदा गया। नियमों के विपरीत अधिकारियों ने 85 लाख रुपये से सैनिटाइज के पाइप खरीद लिए
लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। नगर निगम के अधिकारियों ने 90 दिन में 16 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। रुपये खर्च करने की जल्दबाजी में लाखों का सामान बिना किसी जरूरत के कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए ही खरीदा गया। नियमों के विपरीत अधिकारियों ने 85 लाख रुपये से सैनिटाइज के पाइप खरीद लिए, जबकि एक करोड़ 17 लाख 88 हजार 600 रुपये से सैनिटाइजर के टैंकर खरीदे गए थे, जिसमें पाइप लगे थे, यदि पाइपों को बदलने की जरूरत पड़ती तो पांच लाख रुपये में काम हो सकता था।
इसी तरह 17 लाख के टायर खरीद लिए गए, जबकि नगर निगम के बेड़े में नए वाहन शामिल हुए थे। अब स्टोर में एक या दो टायर ही दिख रहे हैं। कूड़ा गाड़ी के लिए 47 लाख से तिरपाल खरीदे गए, जबकि वाहनों पर फटे तिरपाल ही दिखते हैं। खास बात यह है कि खरीदारी करने के बाद पत्रावली में खरीद की मंजूरी दी गई, जबकि अनुमति खरीद से पहले लेनी होती है।
समय से पहले की गई खरीदारी
80, 09, 559 रुपये सैनिटाइजेशन पाइप 47,32,665 रुपये तिरपाल दो करोड़ 71 लाख रुपये जेसीबी थ्री डी बॉक्स 1,20,63437 रुपये वाटर पंप पाइप 49,18,241 रुपये जिन पाइप 8071276 रुपये टैंकर 17,25,171 रुपये टायर 84,45,116 रुपये नाइट स्वीपिंग मशीन और कैमरे का किराया 5,49,319 रुपये बैटरी 2,78,221 रुपये हत्थू और बिंस की मरम्मतदोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाईः जांच का जिम्मा जलनिगम व यूपीडा के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता पवन रस्तोगी को दिया गया है। जांच प्रभावित न हो, इसके लिए केंद्रीय कर्मशाला का प्रभार देख रहे अपर नगर आयुक्त अमित कुमार को हटाकर अपर नगर आयुक्त राकेश यादव को जिम्मेदारी दी गई है। नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि खरीदारी कोटेशन से की गई थी, जो वित्तीय अनियमितता है। खरीदे गए सामानों का मिलान कराया जा रहा है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।