शनिदेव 28 साल बाद होंगे मकर राशि में, वक्री गति से थमेगी कोरोना की रफ्तार; जान‍िए राश‍ियों पर असर

23 मई दोपहर 253 बजे से वक्री होंगे और 11 अक्टूबर को सुबह 744 बजे तक फिर से मार्गी होंगे। 28 साल बाद शनि अपनी मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि के मकर में गोचर से बहुत विचित्र परिवर्तन होंगे।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 07:07 AM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 06:52 AM (IST)
शनिदेव 28 साल बाद होंगे मकर राशि में, वक्री गति से थमेगी कोरोना की रफ्तार; जान‍िए राश‍ियों पर असर
राशियों पर पड़ेगा प्रभाव, इन उपायों को करके होगा फायदा।

लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। 23 मई से शनि वक्री होने के साथ ही कोरोना संक्रमण का कहर कम हो जाएगा। 28 साल बाद शनि के अपनी मकर राशि मेें वक्री होने से राशियां भी प्रभावित होंगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि न्याय के देवता शनि देव 23 मई दिप रविवार को दोपहर 2:53 बजे मकर राशि में वक्री हो रहे हैं। 11 अक्टूबर दिन सोमवार को सुबह 7:44 बजे पुन: मकर राशि में ही मार्गी होंगे। इस प्रकार शनि 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे। शनि की साढ़े साती धनु मकर व कुंभ राशि पर चल रही है। मिथुन और तुला पर शनि की ढैया का प्रभाव है।

शनि को ज्योतिष में कर्मफल दाता एवं दंडाधिकारी न्यायाधीश कहा गया है। शनि को मध्यम वर्ग, मजदूर वर्ग जनता का भी कारक माना जाता है। 28 साल बाद शनि अपनी मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि के मकर में गोचर से बहुत विचित्र परिवर्तन होंगे। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि शनि अभी 19 डिग्री पर चंद्रमा के श्रावण नक्षत्र में है और मंगल की आठ दृष्टि शनि पर है। राहु भी चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में है। चंद्रमा हमारे मन और भावनाओ का कारक है । शनि 11 अक्टूबर को श्रावण नक्षत्र में 12 डिग्री पर होंगे और पुनः मार्गी होंगे। शनि के वक्री होने से कोरोना संक्रमण तेजी से कम होगा। जून तक कोरोना काफी कंट्रोल हो जाएगा।

आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि शनि के वक्री होने से भूकंप ,आंदोलन, प्रजा में जन आक्रोश, असंतोष बढ़ेगा तो पड़ोसी देशों से तनाव हो सकता है। राज नेताओं अफसरों के पुराने केस खुलेंगे। 14 सितंबर के बाद तीसरी लहर के रूप में नई बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिसका प्रभाव तीन माह तक होगा। शनि के प्रकोप से बचने के लिए हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।. इसके साथ ही शनि देव भगवान शिव, भगवान कालभैरव और हनुमान जी की पूजा से प्रसन्न होते हैं। आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनि मंत्रों का जाप व व्रत के अलावा काले उड़द काले तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काले चने, कोयला व लोहे का दान करना चाहिए।

राशियों पर भी पड़ेगा शनि का प्रभाव

मेष- कर्म भाव में शनि वक्री होने से आजीविका के लिए भागदौड़ करनी होगी और कर्म का फल मिलेगा। वृष-पैसों के लिए थोड़ा परेशानी हो सकती है, धैर्य रखें, संयमित रहे व भाग्य का साथ देर से मिलेगा। मिथुन- अष्टम भाव में शनि वक्री होंगे, स्वास्थ्य का ध्यान रखें और वाहन संभाल कर चलाएं। कर्क- सप्तम भाव में शनि वक्री होंगे, दांपत्य जीवन में अनबन हो सकती है, विवाह साझेदारी कामों में रूकावट हो सकती है लेकिन आर्थिक पक्ष ठीक रहेगा। सिंह- राशि छह भाव में शनि वक्री होंगे, स्वास्थ्य का ध्यान रखें और शत्रु से सतर्क रहें, भागदौड़ भाग बनी रहेगी। कन्या- पंचम स्थान में शनि वक्री होंगे, संतान और शिक्षा की चिंता हो सकती है और आर्थिक पक्ष ठीक है। तुला- मेहनत करें, अवसर मिलेंगे माता का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा, मानसिक तनाव भी हो सकता है। यात्रा व निवेश से बचें। वृश्चिक- तीसरे स्थान पर शनि वक्री होंगे, सेहत और आर्थिक पक्ष ठीक रहेगा, पराक्रम में कमी आएगी और क्रोध पर नियंत्रण रखें। धनु- दूसरे घर में शनि वक्री होंगे, वाणी संभल कर बोले, स्वास्थ्य का ध्यान रखें व खर्चों में वृद्धि हो सकती है और कोई झूठा आरोप लग सकता है। मकर- मानसिक तनाव स्वास्थ्य का ध्यान रखें वाद-विवाद से बचें। कुंभ- खर्चों में अधिकता होगी और व्यर्थ की भागदौड़ होगी, कर्ज लेने से बचें। मीन-एकादश भाव में शनि वक्री हो रहे हैं, आय के नए स्रोत मिलेंगे, नए अवसर पर आपको प्राप्त होंगे। 
chat bot
आपका साथी