लखनऊ में बीमा कंपनी के वरिष्ठ सहायक को चार साल की सजा, क्लेम कराने के नाम पर ली थी रिश्वत

Court news in Lucknow शिकायतकर्ता की पत्नी की एक भैस की मौत हो गई थी। उन्होंने कंपनी में इसका बीमा दावा प्रस्तुत किया था लेकिन मुल्जिम ने उनके बीमा दावे के प्रासेस के लिए तीन हजार की रिश्वत मांगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 10:35 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:35 PM (IST)
लखनऊ में बीमा कंपनी के वरिष्ठ सहायक को चार साल की सजा, क्लेम कराने के नाम पर ली थी रिश्वत
सीबीआई ने मुल्जिम को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार क‍िया था।

लखनऊ, जेएनएन। बीमा क्लेम पास करने के लिए तीन हजार की रिश्वत लेने वाले नेशनल इन्श्योरेंस कंपनी के तत्कालीन वरिष्ठ सहायक चेतराम सुमन को सीबीआइ की विशेष अदालत ने चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। विशेष जज मीना श्रीवास्तव ने शाहजहांपुर में कंपनी की डिवीजनल ऑफिस में तैनात रहे इस मुल्जिम पर 50 हजार का जुर्माना भी ठोंका है। सीबीआइ के लोक अभियोजक डा. एलसी पाल के मुताबिक इसके खिलाफ बिजेंद्र ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता की पत्नी की एक भैस की मौत हो गई थी। उन्होंने कंपनी में इसका बीमा दावा प्रस्तुत किया था, लेकिन मुल्जिम ने उनके बीमा दावे के प्रासेस के लिए तीन हजार की रिश्वत मांगी। चार अप्रैल, 2012 को सीबीआइ ने इस शिकायत पर मुल्जिम को रिश्वत की इस रकम के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। विवेचना के बाद इसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।

तेलगांना व झारखंड के मुल्जिम चार दिन के लिए एटीएस के हवाले

फर्जी आइडी से भारतीय सिम प्रीएक्टिवेट कर चीन व अन्य देशों को भेजने के मामले में निरुद्ध तेलंगाना के प्रशांत कुमार पोटेल्ली का एटीएस की विशेष अदालत ने चार दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है। कस्टडी रिमांड की यह अवधि चार मार्च की सुबह 10 बजे से शुरू होगी। एटीएस की प्रभारी विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी ने यह आदेश विवेचक पंकज अवस्थी की अर्जी पर दिया है।

विवेचक का कहना था कि मुल्जिम प्रशांत एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य है। इसके गिरोह के सदस्य सिम के जरिए ऑनलाइन बैंक अकाउंट खोलकर आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त धनराशि का आदान-प्रदान करते थे। यह धनराशि हवाला कारोबार व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में प्रयोग करते हैं। इसने हैदराबाद में एक कंपनी स्थापित की है तथा यह होटल स्टार स्प्रिंग से भी काफी सामानों को चीन भेजता था। इससे कंपनी व होटल में इस्तेमाल किए गए दस्तावेजों की बरामदगी करानी है। चीनी नागरिकों का मोबाइल नंबर व फोटो भी प्राप्त करना है। दूसरी तरफ इसी अदालत ने कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से फैक्ट्री मेड 315 बोर के राइफल व 12 बोर की बंदूकें खरीद कर बिहार में बेचने के मामले में निरुद्ध मुल्जिम राज किशोर राय का भी चार दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है। इसकी कस्टडी रिमांड भी चार मार्च की सुबह 10 बजे से शुरु होगी। विवेचक पंकज अवस्थी का मुल्जिम राज किशोर राय का पुलिस कस्टडी रिमांड मांगते हुए कहना था कि जिन दुकानों से इसने शस्त्र कारतूस खरीदा था, उसकी शिनाख्त करानी है। यही नहीं, जिन व्यक्तियों के नाम से फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस तैयार किए गए, उसे भी तस्दीक कराना है।

हरिशंकर तिवारी के खिलाफ दाखिल परिवाद खारिज

सूबे के पूर्व काबीना मंत्री पं.हरिशंकर तिवारी के खिलाफ दाखिल परिवाद को अदालत ने खारिज कर दिया है। इस परिवाद में देश-विदेश में होने वाली आतंकवादी गतिविधि व नक्सलवाद तथा माओवाद का संरक्षक होने का इल्जाम तिवारी पर लगाया गया था। अदालत में यह परिवाद राजेश अरोड़ा ने दाखिल किया था। सीजेएम सुशील कुमार ने परिवाद खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि इसके कथन विश्वसनीय नहीं हैं। परिवादी ने महज काल्पनिक आधार पर अपनी मन: स्थिति को परिवाद का रुप दिया है। परिवाद में विपक्षी के खिलाफ कोई आपराधिक मामला बनना परिलक्षित नहीं है।  

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