Coronavirus Effect: मस्तिष्क में होने वाले बदलाव का खुलेगा रहस्य, CBMR-KGMU ने शुरू किया अध्ययन

सीबीएमआर के एडिशनल प्रोफेसर डा. उत्तम कुमार बताते हैं कि पोस्ट कोविड मरीजों में कोरोना संक्रमण के बाद डिप्रेशन एंजाइटी भूलने यहां तक की याददाश्त जाने की समस्या देखी जा रही है। ऐसे मरीजों की ब्रेन मैपि‍ंग की जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:13 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:24 PM (IST)
Coronavirus Effect: मस्तिष्क में होने वाले बदलाव का खुलेगा रहस्य, CBMR-KGMU ने शुरू किया अध्ययन
ब्रेन मैपि‍ंग से पता लगेगा कि वायरस किस तरह से ब्रेन को कर रहा प्रभावित।

लखनऊ, [रूमा सिन्हा]। कोविड संक्रमण के बाद कई लोगों में डिप्रेशन, एंजाइटी या याददाश्त जाने जैसी समस्याएं हो रही हैं। केजीएमयू में ऐसे मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। वायरस मस्तिष्क को किस तरह से प्रभावित करता है, जिसकी वजह से ऐसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं, अब इस रहस्य से पर्दा उठ सकेगा। सेंटर आफ बायोमेडिकल रिसर्च (सीबीएमआर) और क‍िंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) संयुक्त रूप से ऐसे मरीजों के मस्तिष्क में होने वाले बदलाव पर शोध कर रहे हैं। यह पहला ऐसा शोध होगा जिसमें मस्तिष्क से जुड़ी पोस्ट कोविड समस्याओं की वजह का पता चल सकेगा।

ब्रेन की होगी फंक्शनल एमआरआइ : सीबीएमआर के एडिशनल प्रोफेसर डा. उत्तम कुमार बताते हैं कि पोस्ट कोविड मरीजों में कोरोना संक्रमण के बाद डिप्रेशन, एंजाइटी, भूलने यहां तक की याददाश्त जाने की समस्या देखी जा रही है। ऐसे मरीजों की ब्रेन मैपि‍ंग की जाएगी। जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा की वायरस ब्रेन के किस हिस्से को और कैसे प्रभावित कर रहा है। स्टडी के लिए फंक्शनल एमआरआइ की जाएगी। केजीएमयू में आने वाले इस प्रकार के मरीजों को चिह्नित कर अलग-अलग वर्गों में बांटा जाएगा। इस कार्य के लिए मनोरोग विभाग के डा. विवेक अग्रवाल व डा. अमित आर्य सहयोग कर रहे हैं। ऐसे मरीजों को सीबीएमआर रेफर किया जाएगा जहां इनके ब्रेन की फंक्शनल एमआरआइ की जाएगी।

क्या है फंक्शनल एमआरआइ : फंक्शनल एमआरआइ और सामान्य एमआरआइ में फर्क होता है। इसमें ब्रेन के फंक्शन को देखा जा सकता है जबकि सामान्य एमआरआइ के जरिये ब्रेन में ट््यूमर, खून के थक्के जैसे स्ट्रक्चरल बदलाव का ही पता लगाया जा सकता है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी और सीबीएमआर में ही फंक्शनल एमआरआइ की सुविधा है। इसकी मदद से मरीज जब सोच रहा है, लिख रहा है या कोई काम कर रहा है उस समय ब्रेन की मैपि‍ंग की जाती है। डा. कुमार ने बताया कि मनोरोग समस्या में सामान्य एमआरआइ से कोई मदद नहीं मिलती है। वहीं फंक्शनल एमआरआइ से मस्तिष्क में होने वाले बदलाव को बारीकी से देखा जा सकता है। डा. कुमार कहते हैं कि देश में तो इस तरह का पहला अध्ययन है। अभी अन्य देशों में भी इस तरह का अध्ययन नहीं हुआ है।

'पोस्ट कोविड लोगों में होने वाली ऐसी समस्याएं फिलहाल चुनौती बनी हुई हैं। इस स्टडी से यह साफ हो सकेगा कि वायरस ब्रेन में किस तरीके से असर डालता है, जिससे भविष्य में उपचार की दिशा तय हो सकेगी। - डा. आलोक धावन, निदेशक (सीबीएमआर)

chat bot
आपका साथी