लखनऊ विश्वविद्यालय से भरे छात्रवृत्ति फार्म में सैकड़ों छात्रों का डेटा संदिग्ध, समाज कल्याण विभाग ने दस्तावेज उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
लखनऊ विश्वविद्यालय के 400 से ज्यादा छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति आवेदन फार्म में दिए गए डेटा को समाज कल्याण विभाग ने संदिग्ध बताया है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के माध्यम से ऐसे सभी छात्र-छात्राओं से त्रुटि से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय के 400 से ज्यादा छात्र-छात्राओं के छात्रवृत्ति आवेदन फार्म में दिए गए डेटा को समाज कल्याण विभाग ने संदिग्ध बताया है। इसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के माध्यम से ऐसे सभी छात्र-छात्राओं से त्रुटि से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। छात्रहित में विश्वविद्यालय प्रशासन ने 21 फरवरी को रविवार होने पर भी सीपीएमटी बिल्डिंग में प्रपत्र जमा करने का मौका दिया है।
समाज कल्याण विभाग ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति सत्र 2020-21 के लिए 15 जनवरी तक आनलाइन आवेदन मांगे थे। तिथि बीतने के बाद अब विभाग ने 400 से ज्यादा छात्र-छात्राओं के डेटा को संदेहास्पद श्रेणी में डाल दिया है। किसी छात्र की पंजीकरण संख्या तो किसी का हाईस्कूल रोल नंबर और रिजल्ट के अंक नहीं मिलान कर रहे। शनिवार को त्रुटि की जानकारी लेने और आवेदन पत्र जमा करने के लिए सीपीएमटी भवन के बाहर खड़े छात्रों की भीड़ लगी रही। छात्रों ने बताया कि आवेदन में सभी ब्योरा भरा है। फिर भी संदिग्ध की श्रेणी में आवेदन फार्म डाल दिया गया। इसी वजह से पुन : साक्ष्य के रूप में सभी दस्तावेज लगा कर जमा करना पड़ रहा है।
लविवि कुलसचिव डा. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि कई छात्र-छात्राओं के आवेदन पत्र का डेटा संदेहास्पद श्रेणी में प्रदर्शित हो रहा है। इसलिए छात्रों से कहा गया है कि प्रिंटआउट के साथ त्रुटि से संबंधित दस्तावेज संलग्न करके जमा कर दें। इसके लिए रविवार को भी छात्रवृत्ति अनुभाग और सीपीएमटी बिल्डिंग में संबंधित काउंटर खुला रहेगा।