Kisan Mahapanchayat in Lucknow: राकेश टिकैत बोले-माफी से नहीं, एमएसपी कानून बनाने से होगा किसानों का भला
Kisan Mahapanchayat in Lucknow Today संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि यूपी में आंदोलन से पहले ही सरकार ने तीन कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान कर दिया है इसलिए जीत का जश्न है और किसानों में आगे की जंग का जज्बा भी है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Kisan Mahapanchayat in Lucknow: संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में राकेश टिकैत मोदी व योगी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि सरकार को अपनी भाषा में समझाने में एक साल लग गए। अब प्रधानमंत्री को ये समझ आया कि कृषि कानून किसान, मजदूर व दुकानदार विरोधी हैं। टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों को बांटने का प्रयास किया। इको गार्डेन पार्क में आयोजित महापंचायत में कहा कि माफी मांगने से किसानों का भला होने वाला नहीं है, उनका भला एमएसपी कानून बनाने से होगा। उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है कि कमेटी बना रहे हैं, जबकि 2011 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी कि किसानों के लिए एमएसपी लागू करें। ये रिपोर्ट पीएमओ में रखी है उसे ही लागू कर दें, नई कमेटी की कोई जरूरत नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा चुनाव में किया था, उस पर अमल नहीं हुआ है। पहले तीन क्विंटल गेहूं बेचने पर तीन तोला सोना मिलता था, अब किसान तीन क्विंटल तीन तोला सोना मांग रहा है। दो करोड़ नौकरियों का वादा किया और काम प्राइवेट कंपनियों को दिया जा रहा है, देश प्राइवेट मंडी बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने संघर्ष विराम की घोषणा की है, जबकि सिर्फ तीन कानूनों की वापसी भर से मानने वाला नहीं है। आंदोलन चरणवार जारी रहेगा। गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि पता चला है कि अजय मिश्र शुगर मिल का उद्घाटन कर रहे हैं यदि ऐसा हुआ तो किसानों का गन्ना मिल पर नहीं डीएम के दफ्तर में पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत से हल निकाल लें वरना चुनाव में सबक सिखाएंगे। भारतीय किसान सभा के नेता अतुल अंजान ने कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, लागत का लाभकारी मूल्य चाहिए। महापंचायत में पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के बड़ी संख्या में किसान पहुंचे थे।
जीत का जश्न है और आगे जंग का जज्बा भी : योगेंद्र यादव ने कहा कि वह तो बहुत पहले से कह रहे थे कि कृषि कानून मर चुके हैं, अब उन्हें डेथ सर्टिफिकेट चाहिए। पीएम ने उसकी भी घोषणा कर दी है। यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री को अहंकार की बीमारी लगी है, जनता एक साल से दवाई कर रही थी लेकिन उसका असर नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल चुनाव ने छोटा इंजेक्शन दिया और यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ा इंजेक्शन लगाने से पहले ही बड़ा असर हो गया है। ये जीत किसानों की है, 70 साल में पहली बार उनकी मांगे मानी गई। उन्होंने कहा कि किसानों को दान नहीं चाहिए, फसल का सही दाम चाहिए। ये दाम एमएसपी से मिलेगा। जब तक दाम मिलने की बात नहीं मानी जाती आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन कैसा होगा ये 27 नवंबर को मोर्चा तय करेगा। उन्होंने कहा कि गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करके गिरफ्तार कराएं।
- Rakesh Tikait (@Rakesh.Tikait) 22 Nov 2021
मोर्चा की प्रदेश कमेटी के सदस्य व भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा कहते हैं कि कृषि कानून वापसी चुनावी जुमला भर है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून संसद से पास हुए थे तो संसद से ही वापस होने चाहिए। इसके लिए टेलीविजन पर बयानबाजी करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब तक एमएसपी पर कानून बनाकर इसे लागू नहीं किया जाएगा, तब तक किसान मानने वाले नहीं है। किसान पंचायत में बिजली, डीजल, महंगाई आदि पर बात होगी। पंचायत में किसान नेता दर्शन पाल सिंह, जोगेंद्र सिंह आदि आएंगे।