MGNREGA Fraud in Gonda: मनरेगा में पकड़ी गई एक करोड़ की हेराफेरी, दो के खिलाफ एफआइआर

MGNREGA Fraud in Gonda गोंडा में मनरेगा में बिना किसी स्वीकृति के ही पुलिया निर्माण को लेकर एक करोड़ रुपये के हेराफेरी की साजिश रचने का राजफाश हुआ है। बीडीओ ने कंप्यूटर आपरेटर समेत दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआइआर कराई है।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 05:27 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:09 PM (IST)
MGNREGA Fraud in Gonda: मनरेगा में पकड़ी गई एक करोड़ की हेराफेरी, दो के खिलाफ एफआइआर
MGNREGA Fraud in Gonda: गोंडा में मनरेगा में पकड़ी गई एक करोड़ रुपये के हेराफेरी की साजिश।

गोंडा, संवाद सूत्र। मनरेगा में बिना किसी स्वीकृति के ही पुलिया निर्माण को लेकर एक करोड़ रुपये के हेराफेरी की साजिश रचने का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में बीडीओ ने कंप्यूटर आपरेटर समेत दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआइआर कराई है। मामला मुजेहना ब्लाक का है।

खंड विकास अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि विभागीय समीक्षा के दौरान ग्राम पंचायतों में बिना किसी स्वीकृति के ही मनरेगा के तहत वर्क आइडी जनरेट करने की जानकारी मिली थी। उन्होंने बताया कि अभिलेखों के सत्यापन में पाया गया कि ग्राम पंचायत दत्तनगर, देवरदा, कौरहे, खीरभारी, मंगरावा, परसिया पंडित, पूरे गोनई, राजापुर परसौरा, रामपुर दुबावल, रुद्रगढ़नौसी, तेंदुआ मोहनी, त्रिभुवननगर ग्रंट, उज्जैनीकला व विशंभरपुर में पुलिया निर्माण के लिए 14 वर्कआइडी जारी की गई है। लेखाकार मनोज श्रीवास्तव व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा राजेश कुमार सोनी ने पूछताछ करने पर बताया कि वर्कआइडी जनरेट करने के लिए उनके समक्ष कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए। उनके मना करने के बावजूद कंप्यूटर आपरेटर ने वर्कआइडी बना दी। बीडीओ के मुताबिक मनरेगा अधिनियम का उल्लंघन करने के साथ ही अज्ञात व्यक्तियों की मिलीभगत से एक करोड़ रुपये के हेराफेरी की साजिश रचने के मामले में कंप्यूटर आपरेटर हरीश कुमार को दोषी पाया गया। बीडीओ ने कंप्यूटर आपरेटर समेत दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआइआर कराई है। एसओ शेषमणि पांडेय ने बताया कि मुकदमा करके विवेचना कराई जा रही है।

कमाई का जरिया बन गई पुलिया: मनरेगा के तहत पुलिया निर्माण घोटालेबाजों की कमाई का जरिया बन गई है। विभागीय सूत्र के अनुसार एक पुलिया की लागत करीब दस लाख रुपये है। पंचायतें वर्क आइडी जनरेट कराकर भुगतान तो करा लेती हैं, लेकिन कार्य नहीं कराया जाता। कई गांवों में मानक विहीन बनाई गई पुलिया ध्वस्त हो चुकी है। ऐसे में अफसरों ने गांवों में मनरेगा के तहत पुलिया निर्माण पर रोक लगा दी है। मुजेहना ब्लाक में बिना किसी स्वीकृति के फर्जीवाड़े के प्रयास ने निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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