लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल में प्रसूता की मौत पर हंगामा, पैसे मांगने का आरोप-तोडफ़ोड़ के बीच भागा स्टाफ Lucknow News

ऑक्सीजन के ह्यूमिडी फायर में कीड़े गर्भवती को लगाया। 50 हजार मांगने का आरोप हजरतगंज में सड़क की जाम।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 09:20 AM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 09:20 AM (IST)
लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल में प्रसूता की मौत पर हंगामा, पैसे मांगने का आरोप-तोडफ़ोड़ के बीच भागा स्टाफ Lucknow News
लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल में प्रसूता की मौत पर हंगामा, पैसे मांगने का आरोप-तोडफ़ोड़ के बीच भागा स्टाफ Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। झलकारीबाई अस्पताल में प्रसूता की मौत पर जमकर बवाल हुआ। डॉक्टर व स्टाफ पर लापरवाही और पैसे मांगने का आरोप लगाकर परिवारजनों ने तोडफ़ोड़ की। भीड़ का आक्रोश देखकर स्टाफ भाग खड़ा हुआ, वहीं एक कर्मी को कमरे में बंद कर दिया गया। इसके बाद हजरतगंज में सड़क जाम कर प्रदर्शन किया।

ये है पूरा मामला 

कंधारी बाजार निवासी सुनीता (32) गर्भवती थीं। प्रसव पीड़ा होने पर पति तेज बहादुर उन्हें शनिवार को अस्पताल लेकर आए। इस दौरान डॉक्टर डिलेवरी की तारीख नवंबर-दिसंबर बताकर टरकाते रहे। वहीं सुनीता की हालत गंभीर होने पर रविवार पौने एक बजे भर्ती किया गया। डॉक्टर ने गर्भवती में रक्त की कमी का हवाला देकर इलाज में फिर टालमटोल की। तेज बहादुर के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात स्टाफ ने प्रसव व इलाज के लिए 50 हजार रुपये की मांग की। वहीं रविवार 12.30 पर दिन में सामान्य प्रसव से सुनीता ने बच्चे को जन्म दिया। मगर, पैसा न देने से स्टाफ व डॉक्टरों ने इलाज में लापरवाही शुरू कर दी। सुनीता की हालत बिगड़ गई।

रक्त चढ़ाते वक्त बिगड़ी हालत

सुनीता की स्थिति शाम को गंभीर हो गई। ऐसे में डॉक्टरों ने रक्त मंगाया। तेज बहादुर रक्त लेकर आया। सुनीता को रक्त चढ़ ही रहा था कि वह शॉक में चली गई।

ह्यूमिडी फायर में कीड़ों की भरमार

रक्त चढ़ते समय सुनीता की बीपी, पल्स रेट में गिरावट आ गई। उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। डॉक्टरों ने बेड पर उसे ऑक्सीजन मॉस्क लगाया। वहीं ऑक्सीजन पाइप जिस ह्यूमिडी फायर में लगी थी, उसमें सैकड़ों की तादाद में कीड़े थे। 

क्या है ह्यूमिडी फायर?

दरअसल, मरीज में ड्राई ऑक्सीजन न जाए, इसलिए उसे नमी से गुजारा जाता है। इसके लिए ऑक्सीजन पाइप में ह्यूमिडी फायर लगाया जाता है। बॉक्स नुमा इस उपकरण में पानी होता है। ड्राई ऑक्सीजन इस उपकरण से होकर गुजरती है। इससे ऑक्सीजन नम हो जाती है। इसके बाद वह मरीज के मॉस्क में पहुंचती है। वहीं ह्यूमिडी फायर में कीड़ों की भरमा थी। वहीं पानी का रंग भी नीचे हरा था। ऐसे में बैक्टीरिया की आशंका भी प्रबल है। लिहाजा, ऑक्सीजन से मरीज में बैक्टीरियल इंफेक्शन का भी खतरा है।

सड़क जाम, पुलिस ने फटकारी लाठी

रात नौ बजे के करीब सुनीता की मौत हो गई। ऐसे में गुस्साए परिजनों ने अस्पताल का गेट तोड़ दिया। वार्ड में बवाल किया। बवाल देखकर स्टाफ ड्यटी से भाग गया। मरीज वार्ड में तड़पते रहे। परिवारीजनों ने गंज में सड़क भी जाम की। विधान सभा के सामने तेज बहादुर सड़क पर लेट गए। अव्यवस्था बढऩे पर पुलिस ने लाठी फटकार कर सड़क खाली कराई। रात 11 बजे तक अस्पताल में बवाल चलता रहा।

क्या कहते हैं अफसर? 

झलकारी बाई अस्पताल सीएमएस डॉ. सुधा वर्मा कहते हैं कि मरीज को एनीमिया था। उसके रक्त चढ़ रहा था। अचानक वह कोलेप्स कर गई। रक्त से रिएक्शन होने की आशंका है। पैसा मांगने व ह्यूमिडी फायर में कीड़े होने की जानकारी नहीं है। इसकी जांच तीन सदस्यी कमेटी करेगी।

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