एसजीपीजीआइ में कोविड वैक्सीनेशन के बाद भी आरटीपीसीआर जरूरी, बिना जांच नहीं मिल रही इंट्री

एसजीपीजीआइ लखनऊ में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी आरटीपीसीआर जांच के बिना नो एंट्री चल रही है। जबकि लोहिया संस्थान और केजीएमयू में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने की सर्टीफिकेट दिखाकर मरीज ओपीडी में परामर्श पा सकते हैं।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 09:40 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 02:43 PM (IST)
एसजीपीजीआइ में कोविड वैक्सीनेशन के बाद भी आरटीपीसीआर जरूरी, बिना जांच नहीं मिल रही इंट्री
एसजीपीजीआइ लखनऊ में मरीज और तीमारदार की कोविड रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही मिलता है परामर्श।

लखनऊ, [धर्मेन्द्र मिश्रा]। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआइ) में कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी आरटीपीसीआर जांच के बिना नो एंट्री चल रही है। जबकि लोहिया संस्थान और केजीएमयू में वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने की सर्टीफिकेट दिखाकर मरीज ओपीडी में परामर्श पा सकते हैं। वहीं एसजीपीजीआइ में भर्ती से लेकर परामर्श तक के लिए रोगी के साथ तीमारदार की भी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होना अनिवार्य है। इससे दूर-दराज से आने वाले मरीजों को सबसे अधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है

एसजीपीजीआइ में मथुरा से आए समीर ने बताया कि वह अपने नौ माह के बेटे शदफ को हिमैटोलॉजी विभाग में महीनों से दिखा रहे हैं। उन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। बावजूद बिना निगेटिव रिपोर्ट दिखाए अंदर प्रवेश नहीं दिया जाता। ऐसे में बार-बार कोरोना जांच करानी पड़ती है।

हरदोई निवासी उमाशंकर ने बताया कि वह अपने पांच वर्षीय बेटे राघव का हिमैटोलॉजी विभाग में इलाज करवा रहे हैं। उन्हें भी वैक्सीन लग चुकी है। मगर बच्चे के साथ खुद की भी कोविड जांच करानी पड़ी। देवरिया से आई 60 वर्षीय शीला देवी ने बताया कि इम्युनोलॉजी विभाग में उपचार चल रहा है। वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुकने के बाद भी कोरोना जांच कराने के बाद ही देखा जाता है।

गोरखपुर निवासी राहुल ने बताया कि उनके पिता मनीराम का इंडोमेडिसिन विभाग में उपचार चल रहा है। दोनों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। बावजूद ओपीडी में दिखाने के लिए अपनी और पिता की आरटीपीसीआर जांच करवानी पड़ी।

लोहिया-केजीएमयू में सिर्फ भर्ती के लिए चाहिए निगेटिव रिपोर्ट: लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डा. विक्रम सिंह ने बताया कि वैक्सीन लगवाने की सर्टिफिकेट दिखाने पर मरीज को परामर्श दिया जा रहा है। मगर भर्ती के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट होनी चाहिए। केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह ने बताया कि हमारे संस्थान में भी वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके मरीजों और तीमारदारों को ओपीडी में परामर्श दिया जा रहा है।

एसजीपीजीआइ के सीएमएस प्रो. गौरव अग्रवाल ने बताया कि हमारे यहां सात दिनों तक की आरटीपीसीआर रिपोर्ट मान्य है। वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके मरीजों को परामर्श की अनुमति के लिए शासन से अनुशंसा की गई है। उम्मीद है नवंबर से वैक्सीन लगवा चुके लोग बिना कोविड जांच कराए ओपीडी में परामर्श पा सकेंगे। सिर्फ भर्ती के लिए आरटीपीसीआर जरूरी होगी।

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