लखनऊ में अवैध ट्रैवेल कंपनियों पर नकेल की तैयारी, 298 एजेंसियां चिह्नित
लखनऊ में अवैध ट्रैवल कंपनियों पर अगले हफ्ते से चलेगा अभियान बंद करायी जाएंगी बिना लाइसेंस की ट्रैवेल एजेंसियां।
लखनऊ, जेएनएन। ऑफिस तक नहीं पर बिना लाइसेंस लिए ट्रैवेल एजेंसी चला रहे हैं। बाकायदा अवैध रूप से बसों की ऑनलाइन बुकिंग भी की जा रही है। यात्रियों का डाटा तक इनके पास सुरक्षित नहीं है। जांच हुई तो पता चला कि शहर में महज 19 एजेंसियां ही आरटीओ में पंजीकृत है। बाकी सब बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रही हैं। जारी हुए नोटिस में इस बात का खुलासा होने पर परिवहन विभाग के रडार पर 298 अवैध ट्रैवल एजेंसियां आ गईं। अगले हफ्ते से इन पर कार्यवाही शुरू हो जाएगी। हाल यह है कि इन एजेंसियों के पास न तो अपनी गाड़ियां हैं और न ही यात्रियों का डाटा रखे जाने संबंधित जरूरी चीजें और लाइसेंस।
मनमानी बुकिंग से होती उगाही, साक्ष्य तक नहीं देते यात्रियों को
राजधानी में अवैध ट्रैवेल एजेंसियों का ऑनलाइन आमजनों से ठगी का धंधा जोरों पर है। यह अवैध ट्रैवेल एजेंसियां डग्गामार बसों की बुकिंग तक कर देती हैं। रूट पर इसका खामियाजा यात्रियों को जांच के दौरान भुगतना पड़ता है। एजेंसी संचालक यात्रियों के टिकट ऑनलाइन नंबर से बुक तो कर देते हैं लेकिन उसके साक्ष्य तक यात्रियों के पास नहीं होते हैं जिससे अनधिकृत संचालन के दौरान गाड़ी पकड़े जाने पर उन्हें उतार दिया जाता है। हादसे की दशा में यात्रियों के परिजनों तक को सूचना नहीं दी जा पाती है।
महज 19 के पास लाइसेंस
298 ट्रैवेल एजेंसियां विभाग के रडार पर हैं। गौर करने की बात यह है कि इनमें से महज 19 ही आरटीओ में पंजीकृत हैं। शेष सभी अवैध रूप से बिना पंजीयन कराए चल रही हैं।
ये हैं नियम
आरटीओ प्रवर्तन विदिशा सिंह ने बताया कि कुल 298 में से जांच के बाद आई रिपोर्ट में महज 19 ट्रैवेल एजेंसियां आरटीओ में पंजीकृत हैं। लाइसेंस न लेने वाली एजेंसियों के खिलाफ अगले हफ्ते से अभियान चलेगा। उन्हें बंद कराया जाएगा। जुर्माना वसूला जाने के साथ उन पर विधिक कार्यवाही भी की जाएगी।