लखनऊ में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छत ढही, अवकाश के चलते बची कई बच्चों की जान
नरही स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज काफी पुराना निर्मित है। इसके चलते स्कूल के अधिकांश कमरे जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। स्कूल में पंजीकृत करीब 140 बच्चों को इन्हें जर्जर कमरों की छतों के नीचे पढ़ना मजबूरी है।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। सरकारी स्कूलों की जर्जर हालात कभी भी अप्रिय घटना का कारण बन सकते हैं। कुछ ऐसा ही मामला नरही स्थित राजकीय महिला इंटर कॉलेज का सामने आया है। स्कूल की छत जर्जर होने के कारण भरभरा कर ढह गई। खैरियत की बात यह रही की हादसा रविवार को हुआ। अवकाश होने के कारण स्कूल बंद था, यही कारण था कि बच्चे सुरक्षित रहें। सोमवार को जब स्कूल खुला तब छत ढहने की जानकारी हुई।
नरही स्थित राजकीय बालिका इंटर कॉलेज काफी पुराना निर्मित है। इसके चलते स्कूल के अधिकांश कमरे जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। स्कूल में पंजीकृत करीब 140 बच्चों को इन्हें जर्जर कमरों की छतों के नीचे बैठकर पढ़ना मजबूरी है। स्कूल की हालत के बारे में स्कूल प्रशासन का कहना है कि इस संबंध में कई बार पत्राचार किया गया, मगर मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया।
जोखिम में थी कक्षा 6 और 7 के बच्चों : स्कूल प्रिंसिपल रूपम सिंह ने बताया कि जिन दो कमरों की छत ढही है वहां कक्षा 6 और कक्षा सात की कक्षाएं संचालित की जाती थीं। गनीमत रही कि रविवार होने के कारण एक बड़ी घटना टल गई।
2018 से लिखा जा रहा पत्र : स्कूल की प्रिंसिपल रूपम सिंह की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक को लिखे गए पत्र में स्कूल के हालात के बारे में पूरी तरह लिखा गया है। इसके तहत 2018 में भी स्कूल के भवन की जर्जर होने के बाबत पत्राचार किया गया था। मगर जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा।
'पैर में चोट के कारण मैं 13 अगस्त से अवकाश पर हूँ। प्रकरण के संबंध में रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।' -दिनेश राठौर, जिला विद्यालय निरीक्षक -2