रोहतास बिल्डर की संपति जब्त करने की तैयारी, प्लाट व फ्लैट के नाम पर करोड़ों की ठगी में दर्ज है FIR

रोहतास बिल्डर ने लखनऊ में प्लाट व फ्लैट के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी की राजधानी के अलग अलग थानों में दर्ज है 50 से अधिक एफआइआर ।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 07:52 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 07:52 PM (IST)
रोहतास बिल्डर की संपति जब्त करने की तैयारी, प्लाट व फ्लैट के नाम पर करोड़ों की ठगी में दर्ज है FIR
रोहतास बिल्डर की संपति जब्त करने की तैयारी, प्लाट व फ्लैट के नाम पर करोड़ों की ठगी में दर्ज है FIR

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी पुलिस रोहतास बिल्डर की संपत्ति जब्त करने की तैयारी कर रही है। कंपनी के निदेशक व कर्मचारियों के खिलाफ राजधानी के अलग-अलग थानों में 50 से अधिक एफआइआर दर्ज है। आरोपितों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्यवाही करने के बाद पुलिस कंपनी की संपत्ति जब्त करेगी। रोहतास के बाद अब अन्य बिल्डरों की सूची भी लखनऊ पुलिस तैयार कर रही है। एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक कुर्की की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। आरोपितों को नोटिस भेजा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

 गौरतलब है कि रोहतास बिल्डर के खिलाफ हजरतगंज, विभूतिखंड व गोमतीनगर समेत अन्य थानों में पीड़ितों ने एफआइआर दर्ज कराई है। प्लाट व फ्लैट दिलाने के नाम पर कंपनी ने करोड़ों रुपये की जालसाजी की है। यही नहीं जिन लोगों को कंपनी की ओर से फ्लैट मुहैया भी कराए गए थे, उनपर लोन ले लिया गया। नोटिस आने का बाद निवेशकों को फर्जीवाड़े की जानकारी हुई। इसके बाद विभूतिखंड थाने में रोहतास प्रोजेक्ट लिमिटेड के प्रतिनिधि परेश रस्तोगी के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी।

 कंपनी ने हड़प ली गाढ़ी कमाई 

हजरतगंज कोतवाली में मूलरूप से देवरिया जिले के रामपुर कारखाना निवासी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी ने 14 लाख 25 हजार की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। राघवेंद्र का आरोप है कि स्किम के तहत प्लॉट का एग्रीमेंट करने के लिए 29 अप्रैल 2013 को उन्होंने आठ लाख 85 हजार रुपये आरटीजीएस के माध्यम से दिए थे। प्लॉट एलॉटमेंट के नाम पर भी उनसे 57,500 रुपये जमा कराए गए थे। दो साल बाद उन्हें प्लॉट या 14 लाख 25 हजार रुपये वापस करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला। वहीं देवरिया जिले के खोराबार निवासी डॉ. गंगाधर यादव की पत्नी किरन से भी इसी स्कीम के तहत रुपये हड़प लिए गए थे। गाढ़ी कमाई हड़पे जाने के बाद कई पीड़ितों ने रिपोर्ट लिखाई थी।

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