Rohingya in UP: कई बड़े शहरों के कारखानों में ठेके पर काम कर रहे हैं रोहिंग्या, ATS ने तेज की छानबीन

त्रिपुरा सीमा से बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की अवैध घुसपैठ कराने वाले गिरोह के तार प्रदेश के कई शहरों से जुड़े रहे हैं। एटीएस की जांच में कई तथ्य सामने आए हैं। घुसपैठियों को अलीगढ़ बरेली व अन्य शहरों में मीट कारखानों में ठेके पर नौकरी दिलाए गई थी।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 02:02 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 03:22 PM (IST)
Rohingya in UP: कई बड़े शहरों के कारखानों में ठेके पर काम कर रहे हैं रोहिंग्या, ATS ने तेज की छानबीन
एटीएस ने अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर कई शहरों में अपनी छानबीन तेज की है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। त्रिपुरा सीमा से बांग्लादेश व म्यांमार के नागरिकों की अवैध घुसपैठ कराने वाले गिरोह के तार प्रदेश के कई बड़े शहरों से जुड़े रहे हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की जांच में ऐसे कई तथ्य सामने आए हैं। घुसपैठियों को अलीगढ़, बरेली, कानपुर, मेरठ व अन्य बड़े शहरों में मीट कारखानों व अन्य फैक्ट्रियों में ठेके पर नौकरी दिलाई गई थी। एटीएस अब उनकी छानबीन में जुटी है। 

रोहिंग्या किशोरियों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार गिरोह के सरगना मुहम्मद नूर उर्फ नूरुल इस्लाम से पूछताछ के आधार पर ही एटीएस ने बरेली से बांग्लादेश के नागरिक आले मियां व अब्दुल शकूर को गिरफ्तार किया था। दोनों एक मीट कारखाने में काम कर रहे थे। अब दोनों के अन्य साथियों के बारे में भी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। इससे पूर्व भी अलीगढ़, उन्नाव, संत कबीरनगर व अन्य शहरों में पहचान बदलकर रह रहे रोहिंग्या पकड़े जा चुके हैं। नूर से पूछताछ में पहले ही यह बात सामने आई थी कि वह बीते कुछ वर्षों में बांग्लादेश व म्यांमार के 100 से अधिक नागरिकों का घुसपैठ करा चुका है। इनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। अब्दुल व आले मियां को भी पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ किए जाने की तैयारी है।

एटीएस ने अब तक सामने आए तथ्यों के आधार पर कई शहरों में अपनी छानबीन तेज की है। एटीएस ने बांग्लादेश निवासी मुहम्मद नूर के साथ उसके साथी म्यामार के निवासी रहमतउल्ला व शबीउर्रहमान उर्फ शबीउल्लाह को भी गिरफ्तार किया था। गिरोह बेहद संगठित ढंग से घुसपैठियों को यहां अलग-अलग शहरों में ठेके पर काम दिलाता है। हालांकि एटीएस के हाथ अभी गिरोह के उन मददगारों तक नहीं पहुंच सके हैं, जिनकी मदद से फर्जी दस्तावेज बनवाकर घुसपैठियों की पहचान बदली जाती है। सूत्रों का कहना है कि नूर से जुड़े कई अन्य युवकों की जानकारी मिली है, जिनकी तलाश की जा रही है। एटीएस जल्द कुछ अन्य गिरफ्तारियां भी कर सकती है।

chat bot
आपका साथी