रोबोट ने दिलाई गले के ट्यूमर से निजात, कान के पीछे से निकाला बाहर

गले पर बिना चीरा निकल जाएगा गले का ट्यूमर। रोबोट के कंसोल पर बैठे सेट किए कितने मिमी अंदर कैसे जाना है। कैसे पहुंच कर पूरी ग्रंथि को बाहर निकालना है।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Sat, 16 Feb 2019 06:13 PM (IST) Updated:Sat, 16 Feb 2019 06:13 PM (IST)
रोबोट ने दिलाई गले के ट्यूमर से निजात, कान के पीछे से निकाला बाहर
रोबोट ने दिलाई गले के ट्यूमर से निजात, कान के पीछे से निकाला बाहर

लखनऊ, जेएनएन। गले में स्थित थायराइड ग्लैंड को रोबोट ने कान के पीछे से गले में पहुंच कर निकाल दिया। रोबोट को निर्देश अनुभवी रोबोटिक इंडो सर्जन देते रहे। रोबोट के कंसोल पर बैठे सेट किए कितने मिमी अंदर कैसे जाना है। कैसे पहुंच कर पूरी ग्रंथि को बाहर निकालना है।

इस सर्जरी का संजय गांधी पीजीआई में आयोजित इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ आंकोप्लास्टिक इंडोक्राइन सर्जन(आईसोपीस) के वर्कशाप में किया गया। संस्थान के इंडो सर्जन एवं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. अमित अग्रवाल और आयोजक डाॅ. सब्बारत्नम ने बताया कि अगले महीने संस्थान में रोबोटिक सर्जरी शुरू होने जा रही है। चार और मरीजों में विभिन्न तरीके से थायराइड की सर्जरी हुई। इसके आलावा मुंह के जरिए और कान के जरिए गले तक पहुंच थायराइड ग्लैंड को निकाला गया। 

हार्मोन असंतुल के कारण हो सकता है थायराइड में ट्यूमर

गले में स्थित थायराइड और पैरा थायराइड ग्रंथि में सूजन है तो सावधान हो जाएं। हार्मोन असंतुलन की वजह से कई तरह की परेशानी हो सकती है। ग्रंथि में किसी तरह का ट्यूमर होने पर कई बार हार्मोन असंतुलन हो सकता है। अब अल्ट्रासाउंड के अलावा इंट्रोआपरेटिव नर्व मानीटिरिंग तकनीक के जरिए गले के अंदर बिना किसी नुकसान के इन ग्रंथियों को निकालना संभव हो गया है। 

पैराथायराइड ग्रंथि में टयूमर कर सकता है हड्डी कमजोर

इंडो सर्जन प्रो. ज्ञान चंद ने बताया कि पैराथायराइड ग्रंथि में ट्यूमर होने पर हड्डी कमजोर हो जाती है। अब सर्जरी के दौरान ही पैराथायराइड ग्रंथि निकालने के बाद तुरंत इस हार्मोन का स्तर देख कर सर्जरी की सफलता का पता लगाते हैं।

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