लखनऊ में गड्ढों में तब्दील हुई सड़कें, बजट खपाने मन रहा सुरक्षा का सप्ताह
लखनऊ में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने पर अधिकारी अलग-अलग विभाग खर्च दिखा देंगे लेकिन हकीकत में शहरवासियों को सड़कों से ही असुरक्षा हो रही है। शहर के किसी भी इलाके में चले जाइए तो गहरे गड्ढे वाली सड़कें किसी हादसे की तरह ही इंतजार कर रही हैं।
लखनऊ, [अजय श्रीवास्तव]। लो गया फिर से सड़क सुरक्षा सप्ताह, गोष्ठी होंगी, किसी आयोजन में कोई वीआईपी हरी झंडी दिखाएगा, जागरुकता कार्यक्रम होंगे और फिर सप्ताह खत्म हो जाएगा। सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाने पर अलग-अलग विभाग खर्च दिखा देंगे लेकिन हकीकत में शहरवासियों को सड़कों से ही असुरक्षा हो रही है। शहर के किसी भी इलाके में चले जाइए तो गहरे गड्ढे वाली सड़कें किसी हादसे की तरह ही इंतजार कर रही हैं। बारिश में जलभराव होने से ये गड्ढे दिख नहीं रहे हैं और वाहन समेत लोग गिरकर चोट खा रहे हैं। शहर की मुख्य सड़कों के लिए जलनिगम और लोकनिर्माण के अभियंता जिम्मेदार है। जलनिगम ने सड़कों को खोदा था तो लोकनिर्माण विभाग इसमे से कुछ सड़कों को बनाना था।
जरा, देखिए ट्रांसपोर्ट नगर की सड़कों को, यहां सड़कों के गड्ढे गिनना आसान नहीं है। कहा जाए तो यहां सड़कें गड्ढे में चली गई है। मोरंग मंडी के पास तो हाल इस कदर बुरा है कि हर किसी को खुद से बचकर निकलना पड़ता है। हर कदम पर गहरे गड्ढे आए दिन किसी न किसी को चोट पहुंचाकर ही भेज रहे हैं।
राणा प्रताप मार्ग पर मोतीमहल के सामने आधी सड़क ही बची है। यहां कुछ दिन पहले सड़क को खोदा गया था और भूमिगत पाइप डाली गई थी, लेकिन सड़क का बुरा हाल है और आधी सड़क पर ही दोनों तरफ का यातायात दौड़ता था और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
महानगर में भाऊराव देवरस चिकित्सालय के सामने की सड़क धंस गई है और बारिश में वाहन के पहिए धंस रहे हैं।
उदयगंज सिंचाई विभाग के पास भी सड़क बैठ गई है और हर किसी को बचकर ही निकलना पड़ता है।
इंदिरानगर मुंशी पुलिया से मानस विहार की तरफ जाने वाली सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हैं।
डालीगंज तिराहे से सीएसआईआर, स्वास्थ्य भवन तिराहे से नेशनल पीजी कॉलेज, सिकंदरबाग से सहारा मॉल तक, सप्रू मार्ग, नबीउल्लाह मार्ग, गंगा प्रसाद रोड अमीनाबाद चौराहे तक भी सड़क का बुरा हाल है।
जलनिगम ने बिगाड़ा शहर का चेहरा: बंदी के कगार पर खड़े जलनिगम के अभियंताओं की मनमानी और लापरवाही जारी है। शहर के कई इलाकों में सीवर लाइन डालने के नाम पर सड़कों को खोद तो दिया गया लेकिन साल भर से अधिक समय बीतने के बाद भी सड़कों बनाया नहीं जा रहा है। जलनिगम ने भी यह काम ठेकेदारों को सौंप रखा है। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के तहत ही यह काम हो रहा है। कैसरबाग और हजरतगंज से जुड़े इलाकों में तो सड़कों का बुरा हाल है तो आलमबाग में भी सीवर लाइन डालने का काम इतने धीमी गति से चल रहा है कि खुदी पड़ी सड़कों से ही बचकर हर किसी को निकलना पड़ रहा है।
मंत्री को फिर करनी पड़ी बैठक: शहर की बदहाल सड़कों को लेकर कानून एवं विधि मंत्री ब्रजेश पाठक को फिर से बैठक करनी पड़ी। अपनी मध्य विधानसभा क्षेत्र की खराब सड़कों को लेकर मंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं को भी फटकार लगाई। मंत्री ने खोदी गई सड़कों को बनाने में अधिक देर करने पर नाराजगी भी जताई। मंत्री को लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डालीगंज तिराहे से सीएसआईआर, स्वास्थ्य भवन तिराहे से नेशनल पीजी कॉलेज, सिकंदरबाग से सहारा मॉल तक, सप्रू मार्ग, नबीउल्लाह मार्ग, गंगा प्रसाद रोड अमीनाबाद चौराहे से महिला विद्यालय की सड़कों पर सीवर लाइन डालने का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही सड़क बनाई जाएगी।
मंत्री ने बताया कि गौतमबुद्ध मार्ग बासमंडी चौराहा से लाटूश रोड, शिवाजी मार्ग, हुसैनाबाद मार्ग-गौतमबुद्ध पार्क से टीले वाली मस्जिद, महात्मा गांधी मार्ग, डालीगंज चौराहा से रेजीडेंसी चौराहा के अलावा विश्वविद्यालय मार्ग परिवर्तन चौक से हनुमान सेतु मार्ग, शाहमीना मार्ग समेत आसपास के इलाके में सड़कों का निर्माण प्रक्रियाधीन है। ये सड़के कुल 9.480 किलोमीटर है, जिसके लिए 10209.66 लाख रुपये है, जिसके सापेक्ष 5666 लाख रुपये का ही आवंटन लोकनिर्माण को किया गया है।