खोदते जा रहे सड़क, बनेगी कब यह पता नहीं
लखनऊ जागरण टीम धूल गड्ढे और रास्ता बंद। कैसरबाग व उससे जुड़े पांच किलोमीटर के इलाके का
लखनऊ, जागरण टीम : धूल, गड्ढे और रास्ता बंद। कैसरबाग व उससे जुड़े पांच किलोमीटर के इलाके का यह हाल है। सीवर लाइन डालने और फिर सड़कों की मरम्मत में नई तकनीक आने के बाद भी जलनिगम पुरानी पद्धति से चल रहा है और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। कायदे से सड़क खोदने और वहां काम करने के बाद उसे बना देना चाहिए, लेकिन यहां पर उल्टी गंगा बह रही है। सड़क खोदने के बाद दूसरी जगह काम शुरू हो जाता है और पहली सड़क पर धूल रोड़े और गड्ढे राहगीरों की जान जोखिम डालते रहते हैं। शहर में कई जगह इसी तरह से रास्ते खुदे पड़े हैं और बाइक सवार रोड़ियों पर बैलेंस बनाकर सफर तय कर रहे हैं।
स्मार्ट सिटी और अमृत योजना में सीवर लाइन डालने में जलनिगम और ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। लाइन डालने के लिए सड़कों को खोदा जा रहा है, लेकिन इसकी मरम्मत कब होगी? यह सवाल सड़क से बचकर गुजरने वाले हर किसी की जुबां पर रहता है।
परिवर्तन चौक से कचहरी तिराहे के बीच खोदी गई सड़क कई माह बाद भी नहीं बन पाई है। वहीं, रिवर बैंक कॉलोनी से पहले मुख्य मार्ग की खोदाई चालू कर दी गई। यहां के कॉलोनी निवासी परेशान हैं।
इस व्यस्ततम मार्ग पर यातायात अब सड़क के एक भाग पर ही चल रहा है। ठेकेदार के कर्मचारियों को यह आदेश है कि सड़क की खोदाई करनी है, लेकिन उसे कब तक बनाया जाएगा? कोई बताने वाला नहीं है। परिवहन मुख्यालय के पास भी मिट्टी के पहाड़ खड़े हो गए हैं। जलनिगम ने मिट्टी से वायु प्रदूषण रोकने का कोई इंतजाम नहीं किया है। जहां सीवर लाइन पड़ गई है, वहां भी पानी का छिड़काव न होने से वाहनों के टायर से उड़ती मिट्टी हवा में घुल रही है। कैसरबाग व उससे जुड़े इलाके में कुल 74 किलोमीटर गणेशगंज, बशीरतगंज, गोलागंज, राजेंद्रनगर, वजीरगंज, नजरबाग, हजरतगंज-रामतीर्थ मार्ग, यदुनाथ सान्याल।
सड़क बनाई जा रही है। मिट्टी बैठने पर ही सड़क को बनाया जा रहा है। महात्मा गांधी मार्ग पर सड़क को लोकनिर्माण विभाग को बनाना है और इसका पैसा भी दे दिया गया है। जून 2021 तक सीवर लाइन डालने का लक्ष्य रखा गया है।
-पीयूष मौर्य, अधिशासी अभियंता, जलनिगम