Lucknow Nagar Nigam: प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ राजस्व अधिकारियों ने खोला मोर्चा, जानिए क्‍या है मामला

वेतन रोकने और अन्य कार्रवाई से नाराज नगर निगम के राजस्व विभाग के कर अधीक्षकों और राजस्व निरीक्षकों ने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि इसमे कई कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक शामिल नहीं हुए।

By Rafiya NazEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 01:05 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 05:10 PM (IST)
Lucknow Nagar Nigam: प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ राजस्व अधिकारियों ने खोला मोर्चा, जानिए क्‍या है मामला
लखनऊ नगर निगम के जोनल अधिकारी से हटाए गए कर अधीक्षक दे रहे विरोध को हवा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। वेतन रोकने और अन्य कार्रवाई से नाराज नगर निगम के राजस्व विभाग के कर अधीक्षकों और राजस्व निरीक्षकों ने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि इसमे कई कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक शामिल नहीं हुए। नगर निगम मुख्यालय के राजकुमार हाल में बैठक की गई।

बैठक में निशाने पर नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी थे। हालांकि यह कार्रवाई राजस्व वसूली में लापरवाही बरतने को लेकर की गई थी लेकिन, अचानक बैठक बुलाकर प्रशासनिक निर्णय का विरोध का कुछ और ही कारण दिखाई दे रहा है। चार दिन पूर्व तीन कर अधीक्षकों से जोनल अधिकारी का चार्ज लेकर मूल सीट पर भेज दिया गया था। इस बैठक की अगुआई भी वही कर अधीक्षक कर रहे थे, जिन्हें जोनल अधिकारी के चार्ज से हटा दिया गया था। इसमे जोन तीन से राजेश सिंह, जोन सात से चंद्रशेखर यादव और जोन एक से दिलीप श्रीवास्तव को हटाया गया था। इस बैठक को हवा भी कुछ बड़े अधिकारी दे रहे हैं। पहली बार नगर निगम में इस तरह का मोर्चा राजस्व सेवा के अधिकारियों ने खोला है।

जोन चार में तैनात कर अधीक्षक राजेंद्र पाल कहते हैं कि बैठक में 90 प्रतिशत कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षक शामिल हुए थे। पहली मांग यह थी कि कोविड संक्रमक से दिवंगत हुए राजस्व सेवा के अधिकारियों के पारिवारिकजनों को नौकरी के साथ अन्य सभी लाभ तत्काल दिए जाएं। इसी तरह बैठक में लखनऊ नगर निगम में कोविड काल में अधिक मेहनत करने के बाद भी कार्रवाई की जा रही है। राजस्व सेवा के अधिकारियों ने सैनिटाइजेशन से लेकर राशन वितरण और सफाई का कार्य देखा था। हाउस टैक्स की वसूली भी की लेकिन, अब उनका वेतन रोका जा रहा है और अन्य दंडात्मक कार्रवाई हो रही है। इसे लेकर राजस्व सेवा के अधिकारियों में नाराजगी है।

यह है असल मुद्दा: पूर्व में हाउस टैक्स वसूली में लापरवाही बरतने पर कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी। इसमे वेतन रोकने से लेकर चार्जशीट और बर्खास्त के साथ ही जबरन सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई शामिल है। नगर आयुक्त की इस कार्रवाई का अंदर ही अंदर विरोध हो रहा था। जोनल अधिकारी से हटाए गए कर अधीक्षक दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहे हैं तो दूसरी तरफ गुरुवार को हाउस टैक्स वसूली की फिर से समीक्षा बैठक होनी है तो पहले से ही दबाव बनाने के लिए ऐसा किया गया।

नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने कहा कि तीन कर अधीक्षकों से जोनल अधिकारी का चार्ज वापस लिया गया था, जो अब दबाव बनाने के लिए इस तरह का मोर्चा खोल रहे हैं। नगर निगम की मुख्य आय हाउस टैक्स है और वसूली लक्ष्य के अनुरूप नहीं होगी तो वेतन वितरण से लेकर शहर के विकास पर असर पड़ेगा। इसलिए कम वसूली करने वालों का वेतन रोकने का आदेश दिया गया था।

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