Research: फाइब्रॉएड का खोजा नया कारण, मिलेगी इलाज की नई दिशा ; यह होती है परेशानी

Research गर्भाशय फाइब्रॉएड एक नॉन-कैंसर ट्यूमर हैं जिसे यूटेराइन फाइब्रॉएड या गर्भाशय की गाठ के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन डी की कमी और फाइब्रॉएड के बीच मिला रिश्ता। विटामिन डी के स्तर कम तो फाइब्रॉएड का आकार अधिक।

By Divyansh RastogiEdited By: Publish:Sat, 14 Nov 2020 12:15 PM (IST) Updated:Sat, 14 Nov 2020 12:15 PM (IST)
Research: फाइब्रॉएड का खोजा नया कारण, मिलेगी इलाज की नई दिशा ; यह होती है परेशानी
Research: विटामिन डी की कमी और फाइब्रॉएड के बीच मिला रिश्ता।

लखनऊ [कुमार संजय]। Research: गर्भाशय में गांठ(फाइब्रॉएड ) के नए कारण का पता लगाने के साथ इलाज की नयी दिशा तय करने में कामयाबी विज्ञानियों ने हासिल की है। शोध के बाद साबित किया है कि विटामिन डी की कमी भी फाइब्रॉएड का कारण हो सकता है, इसके साथ ही यह भी साबित हुआ कि गांठ के आकार और विटामिन डी के स्तर से सीधा रिश्ता है। विटामिन डी का स्तर जितना कम मिला गांठ का आकार उतना बडा मिला। 

इस तथ्य को जर्नल आफ आब्सट्रेक्टिव एंड गायनकोलाजी ने स्वीकार किया है। विज्ञानियों ने शोध में शामिल ऐसी महिलाओं को शामिल किया जिनमें अल्ट्रा साउंड से गर्भाशय में गांठ की परेशानी मिली। इन महिलाओं में विटामिन डी का स्तर जानने के लिए 25 हाड्राक्सी विटामिन डी के स्तर का अध्ययन किया। शोध में फाइब्रॉएड युक्त 45 महिलाओं को शोध शामिल किया इनके साथ ही सामान्य 45 महिलाओं में भी विटामिन डी के स्तर का अध्ययन किया तो देखा कि 25 हाइड्राक्सी विटामिन डी का स्तर फाइब्रॉएड युक्त महिलाओं में 9.01 से 21.19 तक पाया गया जबकि सामान्य महिलाओं में 19 से 33.99 तक पाया गया। इस तरह देखा कि फाइब्रॉएड युक्त 20 फीसदी महिलाओं में विटामिन डी की कमी मिली जबकि सामान्य 6.67 फीसदी महिलाओं में कमी मिली। इससे साबित होता है कि विटामिन डी की कमी भी एक कारण हो सकता है।

इलाज की मिल सकती है नई दिशा

शोध में शामिल स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. प्रतिका श्रीवास्तव, डा. हेम प्रभा गुप्ता,डा.शिवानी सिंह , रेडियोलाजिस्ट डा.सचिन खंडूरी और बायोमेकिस्ट डा. ब्रिजेश राठौर ने शोध फाइब्रॉएड गर्भाशय के रोगियों में 25-हाइड्रॉक्सी विटामिन डी 3 के स्तर का मूल्यांकन विषय को लेकर शोध किया।  विशेषज्ञों का कहना है कि इस शोध से इलाज की नयी दिशा मिल सकती है। विटामिन डी की पूर्ति से संभव है कि   फाइब्रॉएड का इलाज संभव हो अभी सर्जरी और हारमोनल दवाएं ही उपचार है।

क्या है फाइब्रॉएड

गर्भाशय फाइब्रॉएड एक नॉन-कैंसर ट्यूमर हैं जिसे यूटेराइन फाइब्रॉएड या गर्भाशय की गाठ के नाम से भी जाना जाता है। फाइब्रॉएड का आकार भिन्न हो सकता है। हारमोन का प्रभाव और अनुवाशिकता इसके होने में एक प्रमुख कारण माना जाता है। 99 प्रतिशत ये बिनाइन यानी बिना कैंसर वाली होती है। 32 आयु वर्ग की 30 से 34 और 50 की उम्र के 20 से 80 फीसदी में यह परेशानी हो सकती है।

यह होती है परेशानी

माहवारी के समय या बीच में ज्यादा रक्तस्त्राव। नाभि के नीचे पेट में दर्द या पीठ के निचले हिस्से में दर्द। पेशाब बार बार आना। मासिक धर्म के समय दर्द बना रहना। मासिक धर्म का सामान्य से अधिक दिनों तक चलना। नाभि के नीचे पेट में दबाव या भारीपन महसूस होना। पैरों में दर्द। पेट में सूजन। गर्भ धारण न करने की भी परेशानी हो सकती है। 

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