मतांतरण में सीनियर IAS अफसर इफ्तिखारुद्दीन की संलिप्तता की जांच पूरी, आज रिपोर्ट शासन को देगी SIT

Religion Conversion in UP उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन के पद पर कार्यरत कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट एसआइटी गुरुवार को शासन को सौंप देगी। माना जा रहा है कि सरकार एक-दो दिन में इस मामले में कोई एक्शन लेगी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Thu, 07 Oct 2021 09:02 AM (IST) Updated:Thu, 07 Oct 2021 11:05 AM (IST)
मतांतरण में सीनियर IAS अफसर इफ्तिखारुद्दीन की संलिप्तता की जांच पूरी, आज रिपोर्ट शासन को देगी SIT
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन के पद पर कार्यरत कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में मतांतरण के मामले में पहली बार सीनियर आइएएस अफसर का नाम आने के बाद गंभीर उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रकरण की एसआइटी से जांच कराई है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन के पद पर कार्यरत कानपुर के पूर्व मंडलायुक्त मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े इस प्रकरण की जांच रिपोर्ट एसआइटी गुरुवार को शासन को सौंप देगी। इसके बाद माना जा रहा है कि सरकार एक-दो दिन में इस मामले में कोई एक्शन लेगी।

मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन प्रकरण में एसआइटी गुरुवार को शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है। वरिष्ठ आइएएस अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन पर आरोप है कि कानपुर में मंडलायुक्त तथा श्रम आयुक्त के पद पर तैनात के दौरन वह अपने सरकारी आवास पर मतांतरण करवा रहा था। इस मामले की जांच कर रही एसआइटी सात दिन की पड़ताल के बाद अब अपनी रिपोर्ट के शासन को सौंपेगी।

लखनऊ में सीबीसीआइडी कार्यालय में मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन बुधवार को दोपहर बाद एसआइटी के सामने पेश हुए। इस दौरान उनसे लम्बी पूछताछ की गई। उन्होंने स्वीकार किया कि वायरल वीडियो उनके ही हैं। यह भी कहा कि उन्होंंने इस मामले में कुछ गलत नहीं कहा। पूछताछ के बाद एसआइटी से जुड़े अधिकारियों ने अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से भी मुलाकात की।

सीबीसीआइडी के महानिदेशक जीएल मीणा की अध्यक्षता व एडीजी जोन भानु भाष्कर की सदस्यता वाली दो सदस्यीय एसआइटी (विशेष जांच दल) ने पूर्व कमिश्नर इफ्तिखारुद्दीन से जुड़े वायरल वीडियो की जांच पूरी कर ली है। इस जांच में एसआइटी को 80 से अधिक वीडियो मिले हैं। मतांतरण के इस गंभीर प्रकरण में 30 लोगों से एसआइटी ने बयान लिए। शासन ने जांच सात दिनों में समाप्त करने को कहा था, जो तय समय पर समाप्त हो गई है। बुधवार को एसआइटी से जुड़े दोनों अधिकारी लखनऊ पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि अधिकारी आज लखनऊ में शासन के अन्य अधिकारियों से वार्ता के बाद अपनी रिपोर्ट दे देंगे।

कानपुर के पूर्व कमिश्नर की किताबों में मतांतरण की तरफदारी

कानपुर के कमिश्नर रहे सीनियर आइएएस अफसर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने अपनी किताबों में सिर्फ धार्मिक कट्टरता का बखान ही नहीं किया, बल्कि मतांतरण के लिए भी प्रेरित किया है। उन्होंने किताबों में दूसरे मतों के प्रति जहर उगलने का काम किया है। एक स्थान पर उन्होंने मोहम्मद साहब को कल्कि का अवतार बताते हुए दूसरे मतों के इष्ट को त्यागने की नसीहत तक दी है। एसआइटी ने उनकी तीनों किताबों को भी जांच में शामिल कर लिया है। पूर्व कमिश्नर मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन तकरीरों के साथ अपनी लिखी किताबों के जरिये धार्मिक कट्टरता को भी बढावा दे रहे थे। उन्होंने शुद्ध धर्म, शुद्ध भक्ति और शुद्ध उपासना शीर्षक से हिंदी में तीन किताबें लिखी हैं। एसआइटी ने तीनों ही किताबों को अपनी जांच का हिस्सा बना लिया है। इन तीनों किताबों में शुद्ध भक्ति सबसे विवादित बताई जा रही है।

इस किताब में मतांतरण के लिए इशारों में प्रेरित किया गया है। किताब के पेज नंबर 60 पर लिखा है कि शुद्ध अंत:करण से स्वयं इसको पढ़कर सभी मनगढ़ंत इष्ट को त्यागकर कुरआन में अवतरित रब के आदेशों अर्थात हिदायतों का कल्कि अवतार मोहम्मद की रीति अनुसार अनुसरण ही प्रत्येक स्त्री व पुरुष का एकमात्र शुद्ध धर्म व एकमात्र शुद्ध भक्ति मार्ग है। इस पैराग्राफ में उन्होंने भगवान कल्कि को मोहम्मद साहब का अवतार बताते हुए दूसरी उपासना पद्धतियों को मनगढ़ंत बताते हुए त्यागने को कहा है। किताबों में इस्लाम को सर्वोपरि कहने में उन्होंने कोई कसर बाकी नहीं रखी है। यही किताबें वह अपने समर्थकों से गरीब बस्तियों में वितरित कराते थे, ताकि लोगों को मतांतरण के लिए तैयार किया जा सके। 

chat bot
आपका साथी