मतांतरण पर CM योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त, NSA के तहत कार्रवाई का निर्देश; NIA को दी जा सकती है जांच

Religion Conversion in UP सीएम योगी आदित्यनाथ का मतांतरण के खिलाफ रुख बेहद सख्त है। उनका साफ निर्देश है कि जो भी लोग इन मामलों में शामिल हैं उन्हेंं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए और उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए।

By Dharmendra PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 11:08 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 12:28 PM (IST)
मतांतरण पर CM योगी आदित्यनाथ बेहद सख्त, NSA के तहत कार्रवाई का निर्देश; NIA को दी जा सकती है जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच एजेंसियों को धर्म परिवर्तन के मामलों की गहराई में जाने का निर्देश दिया है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में हजार के अधिक लोगों के मतांतरण के मामले में गिरफ्तार आरोपित पर बेहद सख्त कार्रवाई होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ का मतांतरण के खिलाफ रुख बेहद सख्त है । उनके निर्देश पर लखनऊ से सोमवार को गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम पुत्र स्वर्गीय धनराज सिंह गौतम और मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई होगी, जबकि उनकी संपत्ति भी जब्त की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मतांतरण के मामले में जांच एजेंसियों को धर्म परिवर्तन के मामलों की गहराई में जाने का निर्देश दिया है। उनका साफ निर्देश है कि जो भी लोग इन मामलों में शामिल हैं उन्हेंं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया जाना चाहिए और उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए। घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए सीएम योगी आदित्यनाथने एजेंसियों को निर्देश दिए कि वे तह में जाकर जो भी संलिप्त हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच एजेंसियों को मामले की पूरी तह में जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि जो भी लोग इस मामले में संलिप्त हैं उनके खिलाफ गैंगस्टर लगाएं, एनएसए में निरुद्ध किया जाए, प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मतांतरण का मामला कई राज्यों से जुड़ा है, हम इस मामले की जांच एनआइए के हवाले भी कर सकते हैं। एटीएस को गिरोह के अन्य सदस्यों के सुराग भी मिले हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

दोनों आरोपितों के साथ आइडीसी संस्था व अन्य के विरुद्ध उत्तर प्रदेश एटीएस के लखनऊ थाने में धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, धार्मिक उन्माद भड़काने, राष्ट्रीय एकता को प्रभावित करने व उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 समेत अन्य धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई है। दोनों को एटीएस ने सोमवार को एसीजेएम सत्यवीर सिंह की कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में तीन जुलाई तक के लिए जेल भेज दिया गया। विवेचक ने कोर्ट में दोनों आरोपितों की पुलिस रिमांड मंजूर किए जाने का प्रार्थनापत्र भी दाखिल किया है, जिस पर आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग से सुनवाई होगी। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश एटीएस अब दोनों को रिमांड पर लेने के बाद इनके अन्या साथियों के बारे में तहकीकात करेगी। इसके साथ ही यह भी पता लगाने का प्रयास करेगी कि उत्तर प्रदेश के किन जिलों में इनका गिरोह अभी भी बेहद सक्रिय है।

उत्तर प्रदेश में गहरी साजिश के तहत मतांतरण का घिनौना खेल चल रहा है। जिसके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ से भी जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर अन्य राज्यों तक फैले इस नेटवर्क का राजफाश किया। बेहद संगठित रूप से मूक-बधिर बच्चों, महिलाओं व कमजोर आय वर्ग के लोगों को डरा-धमका कर या प्रलोभन देकर उनके भीतर अपने धर्म के प्रति न सिर्फ नफरत के बीज बोए गए, बल्कि उनका बड़े स्तर पर सामूहिक मतांतरण भी कराया गया। हिंदू धर्म के लोगों को मुस्लिम समुदाय में शामिल करने के इस बड़े मामले की जांच में अब आइबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हो गई हैं। इस संगठित गिरोह ने वाराणसी, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, कानपुर व कुछ अन्य जिलों के अलावा दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, केरल व आंध्र प्रदेश तक में मतांतरण कराया है। इस पूरे मामले में उमर गौतम मी संस्था इस्लामिक दावा सेंटर (आइडीसी) की अहम भूमिका है। उमर ने खुद 1984 में मतांतरण किया था और एक मुस्लिम महिला से विवाह कर लिया था।  

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