पेट्रोल-डीजल मूल्य नियंत्रण के लिए बने नियामक प्राधिकरण : राजबब्बर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी डेटा एनालिटिक विभाग के चेयरमैन प्रवीन चक्रवर्ती ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रोजेक्ट शक्ति का शुभारंभ किया।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 09:22 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 07:36 AM (IST)
पेट्रोल-डीजल मूल्य नियंत्रण के लिए बने नियामक प्राधिकरण : राजबब्बर
पेट्रोल-डीजल मूल्य नियंत्रण के लिए बने नियामक प्राधिकरण : राजबब्बर

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर व अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी डेटा एनालिटिक विभाग के चेयरमैन प्रवीन चक्रवर्ती ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रोजेक्ट शक्ति का शुभारंभ किया। इसके जरिये कांग्रेस आम लोगों को अपने साथ जोड़ेगी। राजबब्बर ने कहा कि इसके जरिये पूरा कांग्रेस परिवार एक सूत्र में बंधेगा। राजबब्बर ने आज पेट्रोल-डीजल के आए दिन बढऩे वाले दामों पर नियंत्रण के लिए सरकार को नियामक प्राधिकरण बनाने की मांग भी की।

कांग्रेस के प्रोजेक्ट शक्ति का शुभारंभ 

प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राजबब्बर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के जरिये हर भारतवासी तक पहुंचना लक्ष्य है। प्रोजेक्ट शक्ति एक दूसरे को शक्ति प्रदान करेगा। यह शक्ति हर बूथ, गांव, ब्लॉक, शहर, वार्ड, मुहल्ला व जिले में कांग्रेस की आवाज बनेगा। इसके जरिये कांग्रेस नेतृत्व भी अपना संदेश प्रत्येक कार्यकर्ता तक सीधे पहुंचाएगा। प्रत्येक कार्यकर्ता भी अपना संदेश व सुझाव दे सकेंगे। 

शक्ति से जुडऩे के लिए सबसे पहले 9702199911 मोबाइल नंबर पर अपने मोबाइल नंबर से मतदाता पहचान पत्र संख्या एसएमएस करना होगा। इसके बाद शक्ति में सफल पंजीकरण करवाने पर मैसेज आएगा। फिर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से एक फोन कॉल मैसेज आएगा।

राजबब्बर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट से कांग्रेसी कार्यकर्ता ही नहीं बल्कि देश का कोई भी नागरिक जो मतदाता है वह जुड़ सकता है। इसके जरिये कांग्रेस आम लोगों से संवाद स्थापित कर घोषणा पत्र भी तैयार करेगी। इस मौके पर पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी व कांग्रेस विधानमंडल दल के पूर्व नेता प्रदीप माथुर मुख्य रूप से उपस्थित थे।

सरकार जनता के प्रति ईमानदार नहीं

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के आए दिन बढऩे वाले दामों पर नियंत्रण के लिए सरकार को नियामक प्राधिकरण बनाना चाहिए। इस मामले में सरकार की नीयत साफ नहीं है। ईमानदार कोशिश की होती तो आज इतने खराब हालत न होते। केंद्र में जब यूपीए की सरकार थी तब कच्चे तेल की कीमत 135 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी। इसके बावजूद पेट्रोल के दाम 65 रुपये से अधिक नहीं बढ़े। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बहुत कम है इसके बावजूद पेट्रोल 82 रुपये से ऊपर पहुंच गया है। केंद्र सरकार जनता के प्रति ईमानदार नहीं है।

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