मुफ्त राशन बांटने के बाद अब आज से यूपी में नियमित खाद्यान्न वितरण, 3 रुपये चावल व 2 रुपये किलो मिलेगा गेहूं
कोरोना महामारी के दौरान तीन माह तक मुफ्त खाद्यान्न देने के बाद यूपी सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सोमवार से अनाज का नियमित वितरण शुरू करेगी। राशन कार्डधारकों को पहले की तरह तीन रुपये चावल और दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं मिलेगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना महामारी के दौरान तीन माह तक जरूरतमंदों को मुफ्त में खाद्यान्न मुहैया कराने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सोमवार से अनाज का नियमित वितरण शुरू करेगी। इसमें राशन कार्डधारकों को उचित मूल्य की दुकानों पर पहले की तरह तीन रुपये प्रति किलो की दर से चावल और दो रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं मिलेगा। राज्य सरकार की ओर से सितंबर माह के लिए खाद्यान्न का नियमित वितरण सोमवार से शुरू होगा और 30 सितंबर तक चलेगा। राशन कार्डधारकों को खाद्यान्न का वितरण नोडल अधिकारियों के सामने होगा। खाद्य आयुक्त पी. गुरुप्रसाद ने इस बाबत विस्तृत दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार अंत्योदय कार्डधारकों को हर महीने 35 किलो अनाज उपलब्ध कराती है। इसमें 20 किलोग्राम गेहूं और 15 किलोग्राम चावल शामिल है। वहीं पात्र गृहस्थी राशन कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलोग्राम अनाज (तीन किलोग्राम गेहूं व दो किलोग्राम चावल) दिया जाता है। दोनों प्रकार के राशन कार्डधारकों को गेहूं दो रुपये व चावल तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरित किया जाता है।
कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार जरूरतमंदों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त अनाज उपलब्ध करा रही है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन वितरण नवंबर तक होगा। वहीं राज्य सरकार ने भी जून से अगस्त तक तीन माह खाद्यान्न का निश्शुल्क वितरण किया है। अब सितंबर माह से पूर्व की भांति नियमित वितरण शुरू किया जा रहा है।
वितरण के अंतिम दिन यानी 30 सितंबर को आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से खाद्यान्न प्राप्त न कर पाने वाले उपभोक्ताओं के लिए मोबाइल ओटीपी सत्यापन के माध्यम से वितरण किया जाएगा। प्रदेश में कुल 3.6 करोड़ राशन कार्डधारक हैं जिनके माध्यम से 14.87 करोड़ लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। राज्य सरकार को प्रत्येक माह निश्शुल्क अनाज वितरण पर 187 करोड़ रुपये का भार वहन करना पड़ा।