यूपी के परिषदीय स्कूलों में पंजीकरण का खेल, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं दो या दो से अधिक स्कूलों में पंजीकृत

UP Basic Education Council बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व एडेड स्कूलों में छात्र-छात्राओं के पंजीकरण में बड़े पैमाने पर खेल हुआ है। लखनऊ मंडल में ही आधार कार्ड के माध्यम से हुए सत्यापन में दो अधिक स्कूलों में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या 40636 मिली है।

By Vikas MishraEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:18 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:24 AM (IST)
यूपी के परिषदीय स्कूलों में पंजीकरण का खेल, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं दो या दो से अधिक स्कूलों में पंजीकृत
विभाग सभी मंडलों में पंजीकरण की जांच आधार कार्ड से कराने की जगह उस पर पर्दा डालने में जुटा है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व एडेड स्कूलों में छात्र-छात्राओं के पंजीकरण में बड़े पैमाने पर खेल हुआ है। लखनऊ मंडल में ही आधार कार्ड के माध्यम से हुए सत्यापन में दो अधिक स्कूलों में दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या 40636 मिली है। विभाग सभी मंडलों में पंजीकरण की जांच आधार कार्ड से कराने की जगह उस पर पर्दा डालने में जुटा है। सरकार पंजीकरण के आधार पर ही हर वर्ष बच्चों को किताबें, बैग, ड्रेस, जूता-मोजा व अन्य कई सुविधाएं दे रही है। ऐसे में एक मंडल में ही लाखों रुपये की योजनाओं का वारा-न्यारा हो चुका है। सभी मंडलों में जांच होने पर करोड़ों का हेरफेर सामने आ सकता है। 

राज्य परियोजना कार्यालय ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत लखनऊ मंडल के जिलों में परिषदीय प्राथमिक और सहायताप्राप्त विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के पंजीकरण का आधार कार्ड से मिलान कराया था। इसमें सामने आया कि विद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए बड़ा खेल किया गया है। एक ही आधार नंबर से कई विद्यालयों में विद्यार्थी पंजीकृत हैं। केवल लखनऊ मंडल में ही डुप्लीकेट विद्यार्थियों की संख्या 40636 है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद का कहना है कि इनमें करीब 20 हजार छात्र-छात्राएं ऐसे हैं, जिनके आधार संख्या से दूसरे इतने ही छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया गया है। अब ऐसे विद्यार्थियों को प्रेरणा पोर्टल से डिलीट करके सही डाटाबेस तैयार किया जाना है। निदेशक राज्य परियोजना ने सभी जिलों को एक्सेल शीट पर डुप्लीकेट सूची उपलब्ध कराई है। निर्देश है कि खंड शिक्षाधिकारी, प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक समन्वय बनाकर कार्य पूरा करें। एक से अधिक स्कूलों में दर्ज छात्र-छात्राओं का नाम केवल एक ही विद्यालय में रहेगा, बाकी से उन्हें डिलीट किया जा रहा है। इसमें अभिभावक की सहमति जरूरी है। यदि विभागीय पोर्टल पर किसी विद्यार्थी का डुप्लीकेट पंजीकरण अन्य विद्यार्थी के नाम पर बीआरसी को उपलब्ध कराते हुए प्रमाणीकरण कर दिया गया है तो ऐसे विद्यार्थियों का आधार प्रमाणीकरण करके सूचना दुरुस्त की जाए। विभाग यह तो स्वीकार कर रहा है कि पंजीकरण गलत हुआ है लेकिन, संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहीं हो रही, बल्कि उसे सही किया जा रहा है।

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