अध्यापिका की कोशिशों से बच्चों को मिला स्कूल, खिल उठा बचपन

मंदिर के प्रांगण में चलती थी कक्षाएं। अध्यापिका ने खुद उठाया विद्यालय की मरम्मत का बीड़ा। बच्चों की हुई स्कूल में वापसी।

By Anurag GuptaEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 01:03 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 03:40 PM (IST)
अध्यापिका की कोशिशों से बच्चों को मिला स्कूल, खिल उठा बचपन
अध्यापिका की कोशिशों से बच्चों को मिला स्कूल, खिल उठा बचपन

लखनऊ[संदीप पांडेय]। शिक्षक एक ओर जहां स्कूल की समस्याएं सरकार के भरोसे ही छोड़ देते हैं। वहीं, राजधानी की कुछ अध्यापिकाओं ने विद्यालय की दिक्कतें को दूर करने का खुद बीड़ा उठा लिया है। इनमें से एक ने भवन की मरम्मत कराकर मंदिर के प्रांगण में चल रहीं कक्षाओं को स्कूल में शिफ्ट किया। वहीं, दूसरी अध्यापिका ने खुद के धन से बच्चों के लिए डेस्क व बेंच लगवाकर पढ़ाई का अनुकूल महौल बनाया। सोमवार को दोनों का सम्मानित किया गया।

टूटे दरवाजे और छतों से टपकता पानी

पेपर मिल कॉलोनी स्थित भीखमपुर प्राइमरी स्कूल का भवन जर्जर हो गया था। दरवाजे टूटे, दीवारों में दरारें व छतों से पानी टपक रहा था। वर्ष 2011 से तैनात शिक्षिका रोली शुक्ला ने कई बार भवन मरम्मत के लिए पत्र लिखा, मगर अनसुना कर दिया गया। इस बारिश में जलभराव होने से बच्चों की क्लास बगल में स्थित मंदिर के प्रांगण में शिफ्ट करनी पड़ी। लिहाजा बच्चों को पढ़ाई में आ रही अड़चनों को देखकर उन्होंने भवन की मरम्मत खुद कराने की ठानी।

परिजन भी आए साथ

शिक्षिका रोली शुक्ला के मुताबिक, विभाग में सुनवाई नहीं हुई तो स्कूल के भवन की मरम्मत खुद कराने का निर्णय किया। उनकी इच्छा जानकर पति और मामा ने भी मदद का भरोसा दिया। खुद का काम छोड़कर स्कूल के भवन निर्माण में सहयोग किया। मजदूरों के साथ ईंट व मसाला ढोया। 13 सितंबर तक चले कार्य में एक कमरे को ढहा कर ओपन एरिया निकाला गया। वहीं, दो कमरों की मरम्मत कराई गई। इसके साथ ही फर्श, बाउंड्री बनाई गई।

किचन को बना दिया लाइब्रेरी

शिक्षिका ने बताया कि स्कूल में खाना अक्षय पात्र संस्थान के जरिए आता है। लिहाजा, किचन की जरूरत नहीं थी। मरम्मत कराकर किचन को लाइब्रेरी में बदल दिया गया। अब यहां पर बच्चे किताबों के साथ समय गुजारते हैं।

पापा की मदद से लगवाई डेस्क-बेंच

प्राथमिक विद्यालय बादशाहनगर, रेलवे के भवन में चल रहा है। इसमें प्लास्टर व फर्श भी नहीं है। वहीं बिना अनुमति भवन में मरम्मत भी मुमकिन नहीं है। यहां फर्श ने होने से आए दिन तमाम कीड़ा निकलते थे। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई बाधित होती थी। लिहाजा, शिक्षिका सुष्मिता श्रीवास्तव ने पिता की मदद से कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए डेस्क और बेंच की व्यवस्था की। अब यहां के बच्चे बेंच पर बैठकर पढ़ाई करते हैं।

मिला सम्मान, हुई खुशी

खंड शिक्षा अधिकारी अर्चना यादव ने भीखमपुर स्कूल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। साथ ही सोमवार को स्कूल की शिक्षिका रोली शुक्ला व  बादशाहनगर स्कूल की शिक्षिका सुष्मिता श्रीवास्तव को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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