कवर के नाम पर साढ़े पांच सौ रुपये की वसूली

- नहीं देने पर अगली तारीख पर फिर आने की मिलती धमकी पासपोर्ट सेवा केंद्र पर हावी दलालों का सिंडीकेट ग्रामीण अंचल से आने वाले आवेदकों को बनाते हैं शिकार।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 01:51 AM (IST) Updated:Fri, 04 Dec 2020 01:51 AM (IST)
कवर के नाम पर साढ़े पांच सौ रुपये की वसूली
कवर के नाम पर साढ़े पांच सौ रुपये की वसूली

लखनऊ : स्थान -रतन स्क्वायर पासपोर्ट सेवा केंद्र। समय दोपहर 12:05 बजे। अंबेडकरनगर के रोहित नया पासपोर्ट बनवाने पहुंचे हैं। ऑनलाइन आवेदन का अप्वाइंटमेट लेते समय पूरी 1500 रुपये की फीस जमा कर चुके हैं, फिर भी टोकन प्रक्रिया के दौरान कर्मचारी ने पासपोर्ट कवर के लिए साढ़े पांच सौ रुपये और देने को कहा। रोहित बोले कि यह तो नहीं बताया गया था..। कर्मचारी का उत्तर था, 450 और 550 रुपये में दो तरह के कवर हैं। किसी एक को लेना ही होगा, नहीं तो अगली तारीख पर आना पड़ेगा। इससे अधिक खर्चा हो जाएगा। मजबूरन रोहित को पैसे देने पड़े। रोहित की तरह सैकड़ों आवेदक रोज इसी तरह ठगे जा रहे हैं।

पासपोर्ट बनाने के लिए विदेश मंत्रालय ने 1500 रुपये फीस तय की है। इसके अलावा किसी तरह का दूसरा शुल्क नहीं देना है, लेकिन दलालों का सिंडीकेट आवेदकों की जेब पर डाका डाल रहा है। शुरुआत पासपोर्ट सेवा केंद्र से होती है। दलालों का सिंडीकेट आवेदकों को जकड़ता है, तो वहीं भीतर पासपोर्ट कवर के नाम पर 550 रुपये तक की वसूली होती है। दैनिक जागरण ने बुधवार को पासपोर्ट सेवा केंद्र पर हो रहे खेल की पड़ताल की तो आवेदकों के साथ हो रही वसूली के कई मामले सामने आए।

------------------------

दोगुनी पड़ती है लागत

पासपोर्ट सेवा केंद्र के प्रवेश गेट तक 50 से 60 दलाल नजर आते हैं। बस एक बार कोई आवेदक दिख जाए, इसके बाद उनके पासपोर्ट बनाने तक का ठेका उठ जाता है। चार हजार रुपये से सौदा शुरू होता है और 2500 रुपये तक बात बनती है। खास बात यह है कि रतन स्क्वायर के भीतर भले ही सुरक्षा गार्ड आवेदक को उनका अप्वाइंटमेट लेटर देखकर प्रवेश देते हैं, लेकिन पूरे परिसर में 50 से अधिक दलाल दिन भर किसकी अनुमति से आवेदकों को जाल में फंसाते हैं, इसे रोकने की कोई व्यवस्था ही नहीं है।

इतनी सुविधा का यह शुल्क

रजिस्ट्रेशन : गरीब आवेदकों से ऑनलाइन फार्म भरकर अप्वाइंटमेंट दिलाने के नाम पर दलाल 500 रुपये वसूलते हैं। हरदोई के राम सकल बताते हैं कि बाहर बैठे दलाल ने 500 रुपये लेकर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया। अगले दिन आने का समय मिला और एक प्रिंट भी दिया गया।

एप डाउनलोडिंग : विदेश मंत्रालय ने सभी आवेदकों के लिए आरोग्य सेतु एप अनिवार्य किया है। गांव से आने वाले आवेदकों से दलाल 100 रुपये लेकर उनके मोबाइल फोन में एप डाउनलोड कराते हैं। अंबेडकर नगर से आए मोहम्मद निजाम को एक नहीं पांच दलालों ने पकड़ा। किसी तरह उन्होंने आधार केंद्र जाकर एक व्यक्ति से मदद मांगी। तब उनका आधार एप डाउनलोड हो सका।

पासपोर्ट कवर : यदि आप पासपोर्ट आवेदन के समय उसकी तय फीस ऑनलाइन जमा करने के बाद पासपोर्ट सेवा केंद्र आ रहे हैं तो सावधान हो जाएं। आपकी जेब पासपोर्ट सेवा केंद्र के भीतर भी ढीली होगी। पासपोर्ट प्रक्रिया के दौरान आपको पासपोर्ट कवर के नाम पर 450 से 550 रुपये देना पड़ेगा। भले ही विदेश मंत्रालय कहता है कि यह ऐच्छिक व्यवस्था है, लेकिन पासपोर्ट कवर के नाम पर बिना भुगतान के आपकी प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ेगी।

इनसे हुई वसूली

-गार्ड ने पहले मेरा अप्वाइंटमेट लेटर देखा और फिर प्रवेश की अनुमति मिली। टोकन लेने के दौरान कहा गया कि पासपोर्ट कवर की फीस जमा करो। जमा न करने पर पासपोर्ट प्रक्रिया पूरी नहीं की जाएगी। उसके लिए मैंने अपने दोस्त से पैसे मंगवाकर दिए।

हिमांशु अयोध्या -हमको बताया गया था कि तुम्हारी फीस जमा हो गई है। अब केवल कागज दिखाने लखनऊ जाना है। घर से उतने ही पैसा लेकर चला था, जिससे वापस पहुंच सकूं, लेकिन यहां तो 550 रुपये ले लिए। हाथ में कवर भी नहीं दिया। बोले, पासपोर्ट के साथ आएगा। मुझे कवर की जरूरत ही नहीं थी।

नाजिम प्रतापगढ़

1500 फीस, 1500 चढ़ावा

15 साल के कम उम्र के आवेदक की सामान्य पासपोर्ट की फीस एक हजार रुपये है। 18 साल से अधिक उम्र के आवेदक की 36 पेज वाले पासपोर्ट की फीस 1500 रुपये है। वहीं 60 पेज वाले पासपोर्ट की फीस दो हजार रुपये ऑनलाइन आवेदन के समय जमा करनी पड़ती है। इसके अलावा पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट गलत होने पर दोबारा रिपोर्ट मंगाने के लिए पीसीसी 500 देना होता है।

पासपोर्ट सेवा केंद्र पर कवर की बिक्री टीसीएस करता है, लेकिन यह आवेदकों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था है। यदि यह अनिवार्य रूप से आवेदकों को दिया जा रहा है तो जाच की जाएगी। मामला सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।

पीयूष वर्मा, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, लखनऊ।

chat bot
आपका साथी