49 साल के बाद रामपुर नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ की संपत्ति का बंटवारा, जानें- किसे कितना मिला

रामपुर नवाब खानदान की पांच संपत्तियां हैं इनमें खासबाग लक्खी बाग कोठी बेनजीर कुंडा और नवाब रेलवे स्टेशन शामिल हैं। रामपुर जिला जज ने फैसला सुनाकर सुप्रीम कोर्ट को पार्टीशन स्कीम भेज दी है अब अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह सुप्रीम कोर्ट में ही कर सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 10:37 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:55 PM (IST)
49 साल के बाद रामपुर नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ की संपत्ति का बंटवारा, जानें- किसे कितना मिला
उत्तर प्रदेश के रामपुर के नवाब खानदान की 2600 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा हो गया।

लखनऊ, जेएनएन। आखिरकार उत्तर प्रदेश के रामपुर के नवाब खानदान की 2600 करोड़ की संपत्ति का बंटवारा हो गया। रामपुर जिला जज ने बुधवार को आदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट भेज दिया है। इस पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट ही सुनाएगा। रामपुर में नवाब खानदान की 26 सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के बंटवारे को लेकर 49 साल से मुकदमेबाजी चल रही है। 31 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने शरीयत के हिसाब से बंटवारा करने के आदेश दिए। जिला जज ने संपत्ति के हिसाब से बंटवारा किया है।

नवाब खानदान की पांच बड़ी संपत्तियां हैं, इनमें खासबाग, लक्खी बाग, कोठी बेनजीर, कुंडा और नवाब रेलवे स्टेशन शामिल हैं। रामपुर जिला जज ने फैसला सुनाकर सुप्रीम कोर्ट को पार्टीशन स्कीम भेज दी है, अब अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वह सुप्रीम कोर्ट में ही कर सकता है। अधिवक्ता संदीप सक्सैना ने बताया कि 34 पेज का फैसला है। वह इसका अध्ययन कर रहे हैं। 11 पक्षकारों की वकालत कर रहे पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने बताया कि पार्टीशन स्कीम में सभी का हिस्सा तय हो गया है।

अभी तक पूरी संपत्ति पर काबिज रहे मुराद मियां और उनकी बहन निखत बी के हिस्से से उस जमीन की वसूली की जाएगी, जो पांच हजार गज बेची गई है। इसी तरह उन्होंने सपंत्ति से जो फायदा उठाया है, या खुर्दबुर्द की है, उसकी वसूली के लिए पचास करोड़ की वसूली उनके हिस्से से होगी। जिला जज ने सभी संपत्ति में हिस्से बांट दिए हैं लेकिन, अभी कुरेबंदी होना बाकी है। इससे यह तय हो सकेगा कि किस पक्षकार को किस संपत्ति में कौन सा हिस्सा मिलना है।

नवाब खानदान की संपत्ति में 18 पक्षकार हैं, जिनमें दो की मौत हो चुकी है लेकिन, शरीयत के हिसाब से इनका हिस्सा भी तय है। स्वर्गीय नवाब मुर्तजा अली खां के बेटे मुहम्मद अली खां उर्फ मुराद मियां का हिस्सा 8.101 और उनकी बेटी निगहत बी का हिस्सा 4.051 फीसद है। पूर्व सांसद बेगम नूरबानो का हिस्सा 2.250, उनके बेटे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां का 7.874, बेगम नूरबानो की बेटी समन खान का 3.937 और दूसरी बेटी सबा दुर्रेज अहमद का 3.937 फीसद का हिस्सा है।

सबा के पति दुर्रेज अहमद जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं, जबकि उनके पिता फखरुद्दीन अली अहमद देश के राष्ट्रपति रहे हैंं। इनके अलावा तलत फतमा हसन का 2.025, गीजला मारिया अली खान 5.165, नदीम अली खां 5.165 , सिराजुल हसन 4.051 प्रतिशत, ब्रिजिश लका बेगम का 8.999, अख्तर लका बेगम 8.999, नाहिद लका बेगम 8.999 , कमर लका बेगम का 8.999 फीसद का हिस्सा है। केसर जमानी बेगम और तलत जमानी बेगम की मौत हो चुकी है। इन दोनों का हिस्सा बराबर-बराबर 4.167 फीसद है।

पाकिस्तान के पूर्व एयर चीफ मार्शल अब्दुल रहीम खान की पत्नी मेहरुन्निशा बेगम भी हिस्सेदार हैं। वह नवाब रजा अली खां की बेटी हैं। उनके हिस्से में सबसे ज्यादा करीब तीन सौ करोड़ की संपत्ति आ रही है। दरअसल इनका हिस्सा 7.292 फीसद है, जबकि इनके मां मां तलत जमानी बेगम का हिस्सा 4.167 फीसद है। उनकी मां की मौत हो चुकी है। उनका हिस्सा भी इन्हे मिल रहा है। इस तरह इनके हिस्से में 11.459 फीसद संपत्ति आ रही है, जो तीन सौ करोड़ से भी ज्यादा है।

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