Ayodhya Ram Mandir News: रामनगरी के विकास का खाका तैयार, प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष कल होगी प्रस्तुति
रामनगरी के समग्र विकास को लेकर तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट पर अब प्रधानमंत्री मोदी दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। शनिवार को रामनगरी के विकास को लेकर तैयार योजनाओं का पीएम के समक्ष वर्चुअल प्रस्तुतीकरण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी रामनगरी के विकास को पीएम की मंशा के अनुरूप आकार देना चाहते हैं।
अयोध्या, (रविप्रकाश श्रीवास्तव)। रामनगरी के समग्र विकास को लेकर तैयार किए गए विजन डाक्यूमेंट पर अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करेंगे। शनिवार को रामनगरी के विकास को लेकर तैयार योजनाओं का पीएम के समक्ष वर्चुअल प्रस्तुतीकरण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रामनगरी के विकास को पीएम की मंशा के अनुरूप आकार देना चाहते हैं। इसलिए पीएम के समक्ष प्रस्तुत करने से पहले सीएम की निगरानी में विजन डाक्यूमेंट को अंतिम स्पर्श दिया जा रहा है। प्रपत्र में 18 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की रूपरेखा खींची गई है। 16 परियोजनाओं की विस्तृत कार्ययोजना अगस्त तक पूरी करने का लक्ष्य है। दृष्टिकोण प्रपत्र के साथ अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल ङ्क्षसह सहित कई अधिकारी बुधवार से ही लखनऊ में हैं।
इस बीच रामनगरी के सुंदरीकरण की कुछ योजनाओं पर कार्य शुरू हो गया है, जिसमें हाईवे का सुंदरीकरण प्रमुख है। फ्लाईओवर की दीवारों पर रामायण के प्रसंग उकेरे जा चुके हैं। हाईवे के डिवाइडर पर पौधरोपण का कार्य आरंभ है। प्रधानमंत्री की महात्वाकांक्षी योजना 'कैच द रेनÓ के तहत, जहां तीन जलाशयों के पुनरोद्धार को विजन डाक्यूमेंट में स्थान दिया गया है। वहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए रामायण कालीन वृक्षों से रामनगरी की धरा को आच्छादित किया जाएगा। व्यापार रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने का विजन भी तैयार किया गया है। 24 मीटर से लेकर 40 मीटर चौड़े मार्गों की परिकल्पना शामिल की गई है। विजन डाक्यूमेंट बनाने वाली ग्लोबल कंसल्टेंट एजेंसी ली एसोसिएट््स, सीपी कुकरेजा और एलएंडटी के विशेषज्ञों ने साधु-संतों, श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व जनप्रतिनिधियों सहित पांच सौ से अधिक लोगों की राय लेकर इसे आकार दिया है।
समग्र विकास के लिए तीन लक्ष्य तय
प्रथम लक्ष्य-आध्यात्मिक नगर, ज्ञान केंद्र, उत्सवधर्मी नगर, तीर्थयात्रियों की सुविधा के अनुरूप अवसंरचना विकास। द्वितीय लक्ष्य-पर्यटन का विविधीकरण, हब एंव स्पोक्स सर्किट, ऐतिहासिक नगर परिपथ एवं धरोहर स्थलों का भ्रमण, पर्यावरणीय संसाधनों का अनुप्रयोग तथा सरयू तटीय सौंदर्यीकरण, अयोध्या की विशिष्टताओं की ब्रांङ्क्षडग, सुगम परिवहन एवं यात्री सुविधा। तृतीय लक्ष्य-सुविधायुक्त सामुदायिक आवासन, हरित एवं सौर नगर, सुगम परिवहन व्यवस्था, आधुनिक अवस्थापना विकास, क्षेत्र के भावी विकास की व्यूहरचना।प्रमुख योजनाएं